Bareilly: डॉक्टरों ने बनाया साइकलिंग क्लब, इस तरह करते हैं साइकिलिंग
कोरोना काल में लगे लोगों ने लोगों की दुनिया ही बदल दी है। कोरोना काल में जब तमाम स्विमिंग पूल (swimming pool), जिम (gym), इनडोर स्टेडियम (indoor stadium) बंद होने के बाद डॉक्टरों को अपनी सेहत सवारने के दूसरे तरकीबो के बारे में सोचना पड़ा और उसके बाद शुरू हुआ साइकिल क्लब (cycle club)। धड़ाधड़ साइकिलें बिकने लगी और मजबूरी में डॉक्टरों ने साइकिल चलानी शुरू कर दी और फिर यह मजबूरी ऐसे परवान चढ़ी की शौक बन गई और यही शौक अब नशा बन गया है। डॉ. रोज सुबह 6 बजे निकल जाते हैं बरेली की तमाम सड़कों पर ग्रुप में साइकिलिंग करते हैं और 8 बजे तक घर वापस आ जाते हैं।
आमतौर पर सप्ताह के दिन यह छोटी-छोटी टोलियों में अपने समय अनुसार साइकिलिंग करते हैं। लेकिन सप्ताह के अंत में संडे के दिन सारी जमात एक साथ साइकिलिंग के लिए निकलती है, टारगेट (target) लंबा रखती है, रास्ते में नाश्ता पानी भी करती है और दो-तीन घंटा साइकिलिंग करके वापस अपने काम धंधे पर लग जाते हैं। कई सारे डॉक्टरों ने अपना वजन भी कम कर लिया है और शरीर में स्फूर्ति का संचार महसूस करते हैं और अपने आप को पहले से ज्यादा चुस्त दुरुस्त पाते हैं।
कभी-कभी अपने इसी शौक को सोशल मीडिया पर भी शेयर करते हैं ताकि औरों को भी प्रोत्साहित कर सकें। इन्होंने अपना व्हाट्सएप ग्रुप (WhatsApp group) बना रखा है जिसमें हर आदमी अपनी साइकिलिंग के शौक को जाहिर करता है। साइकिलिंग का एप्प बखूबी इस्तेमाल हो रहा है इस ऐप से किलोमीटर, एवरेज स्पीड, आपके पूरे रास्ते की जानकारी ,कितनी कैलरी खर्च हुई का पूरा डाटा यह अपने व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर करते हैं और एक दूसरे को और बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
आई एम ए के पदाधिकारी डॉक्टर अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि साइकिलिंग करने से शरीर स्वस्थ रहता है। खासकर सुबह साइकिलिंग करने से ताजी हवा का आनंद भी आता है। यह समाज को एक संदेश भी है।
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