BAREILLY: जिले को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बढ़ाया जाएगा दुग्ध उत्पादन, गांव-गांव बनेंगी दुग्ध समितियां
बरेली: जिले को दूध उत्पादन (Milk production) के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। प्रशासन ने दूध उत्पादन बढ़ाने का पूरा खाका तैयार कर लिया है। वर्तमान समय में जिले में रोजाना दूध का उत्पादन करीब एक लाख दस हजार लीटर है। खपत ज्यादा होने के कारण दूसरे जिलों से दूध मंगाया जाता है। अब जिले को न सिर्फ आत्मनिर्भर बनाने की योजना बनाई गई है बल्कि स्थानीय स्तर पर ही दूध के उत्पाद भी तैयार होंगे। इसके लिए गांव-गांव में दुग्ध समितियां (Milk societies) बनेंगी। एक दुग्ध समिति में 50 से 60 लोग शामिल किए जाएंगे।
समिति के सदस्यों को पशु पालन के लिए आर्थिक मदद (Financial aid) दी जाएगी। और जो भी दूध उत्पादन होगा। उसे सीधे सरकारी डेयरी (Government dairy) खरीदेगी। उत्पादन बढ़ाने के लिए साहिवाल गायों की नस्ल तैयार की जाएगी। इसमें देशी गायों को सरोगेट मदर बनाकर उनमें साहिवाल गायों का भ्रूण प्रत्यारोपण (Embryo transplant) किया जाएगा। इसके लिए प्रशासन ने आइवीआरआइ (IVRI) से अनुबंध किया है।
यह मॉडल सबसे पहले मझगंवा ब्लॉक में लागू किया जाएगा। इसके दस गांव को चिन्हित किया जाएगा। दूध उत्पादन के साथ दूध के उत्पाद स्थानीय स्तर पर तैयार हो सके। इसके लिए कलस्टर (Cluster) भी तैयार करने की तैयारी है। सीडीओ चंद्रमोहन गर्ग ने बताया की बड़ी मात्रा में अच्छी नस्लों की गाय तैयार की जाएगी। इसके लिए बहेड़ी का भ्रूण प्रत्यारोपण सेंटर भी जल्द चालू होगा।