Bareilly: जिले की सफाई के लिए इंदौर नहीं बल्कि इस शहर के मॉडल पर होगा काम

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 (Swachhata Sarvekshan 2020) में बरेली की स्थिति इस बार भी खराब देखने को मिली। इसे देखते हुए अब नगर निगम ने बरेली की सफाई करने के लिए कमर कस ली है। नगर निगम इसके लिए इंदौर का मॉडल नहीं बल्कि अंबिकापुर के मॉडल (Ambikapur model) पर काम करेगा। वजह यह है कि
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Bareilly: जिले की सफाई के लिए इंदौर नहीं बल्कि इस शहर के मॉडल पर होगा काम

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 (Swachhata Sarvekshan 2020) में बरेली की स्थिति इस बार भी खराब देखने को मिली। इसे देखते हुए अब नगर निगम ने बरेली की सफाई करने के लिए कमर कस ली है। नगर निगम इसके लिए इंदौर का मॉडल नहीं बल्कि अंबिकापुर के मॉडल (Ambikapur model) पर काम करेगा। वजह यह है कि बरेली में अब तक कूड़ा के निस्तारण के लिए प्लांट नहीं बना है और अभी उसके बनने की उम्मीद भी नहीं दिख रही है।
Bareilly: जिले की सफाई के लिए इंदौर नहीं बल्कि इस शहर के मॉडल पर होगा काम
बता दें कि अंबिकापुर मॉडल की खासियत यह है कि कूड़ा का निस्तारण स्थानीय स्तर पर किया जाता है। उससे न सिर्फ खर्च बचता है बल्कि उससे आमदनी भी होती है। इसके लिए अलग अलग वार्डों में कंपोस्टर (composter) की स्थापना की जाएगी। यह कंपोस्टर करीब ढ़ाई हजार घरों के गीले कूड़े को कंपोस्ट (compost) करेंगे। जिससे बनी हुई खाद को हर आठ दिन में निकालकर उसका उपयोग किया जा सकता है या फिर उसे बेंचा जा सकता है। कूड़े से उपयोगी कबाड़ को निकालने के लिए करीब ढाई सौ कबाड़ी वालों को हायर भी किया जाएगा।

संयुक्त नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह ने कहा कि चार साल पहले तक अंबिकापुर 447 वें नंबर पर था लेकिन तीन साल में यह दूसरा नंबर पर पहुंच गया था। जबकि बरेली की रैकिंग 117 वीं से गिरकर 149 वें नंबर पर आ गई। अभी हमारे पास निस्तारण के लिए प्लांट नहीं है। ऐसे में हम अंबिकापुर मॉडल की कुछ चीजों को लागू करेंगे। वहीं कुछ व्यवस्था सुधारने को हम कुछ चीजे खुद की शुरु करेंगे।
                    http://www.narayan98.co.in/
Bareilly: जिले की सफाई के लिए इंदौर नहीं बल्कि इस शहर के मॉडल पर होगा काम                    https://youtu.be/yEWmOfXJRX8