BAREILLY: जानिए पूरा मामला, कमिश्नर से क्यों मिलने पहुंचा फर्जी आईएएस अधिकारी

बरेली: जिले में एक बहुत ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां कमिश्नर (Commissioner) से एक युवक मिलने आया जोकि अपने आपको आईएएस अधिकारी (IAS Officer) बता रहा था। बुधवार शाम को जब कमिश्नर रणवीर प्रसाद अपने कार्यालय में थे। उसी समय एक युवक ने चपरासी से पर्ची भिजवाई, जिसमें डॉ. शशांक तिवारी लिखा
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BAREILLY: जानिए पूरा मामला, कमिश्नर से क्यों मिलने पहुंचा फर्जी आईएएस अधिकारी

बरेली: जिले में एक बहुत ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां कमिश्नर (Commissioner) से एक युवक मिलने आया जोकि अपने आपको आईएएस अधिकारी (IAS Officer) बता रहा था। बुधवार शाम को जब कमिश्नर रणवीर प्रसाद अपने कार्यालय में थे। उसी समय एक युवक ने चपरासी से पर्ची भिजवाई, जिसमें डॉ. शशांक तिवारी लिखा था। उस पर्ची में उस युवक ने खुद को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Human Resource Development Ministry) का आईएएस अफसर बताया। पर्ची (Slip) मिलने पर कमिश्नर ने उसे तुरंत अंदर बुला लिया।

BAREILLY: जानिए पूरा मामला, कमिश्नर से क्यों मिलने पहुंचा फर्जी आईएएस अधिकारीउस युवक ने परिचय में खुद को यूपी कैडर में 2013 बैच (2013 Batch in UP Cadre) का आईएएस अधिकारी बताया। कमिश्नर को युवक के हाव-भाव देखकर उस पर शक हुआ। उन्होंने 2013 बैच के कुछ और अफसरों के बारे में उससे पूछा तो वह हड़बड़ा गया। उसने बताया कि उसने आईएएस की नौकरी छोड़ दी थी और अब वह लेक्चरर (Lecturer) है। जिला कमिश्नर ने उसका झूठ पकड़ लिया और कोतवाल (Police Officer) गीतेश कपिल को फोन करके बुलाकर उसे सौंप दिया। कोतवाल गीतेश कपिल ने बताया कि शशांक तिवारी ने मान लिया है कि वह आईएस अधिकारी नहीं है, लेकिन उसने कमिश्नर के पास जाने की वजह नहीं बतायी है। पुलिस (Police) पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह किस मकसद से फर्जी आईएएस बनकर बरेली कमिश्नर से मिलने पहुंचा था।

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BAREILLY: जानिए पूरा मामला, कमिश्नर से क्यों मिलने पहुंचा फर्जी आईएएस अधिकारी

https://youtu.be/yEWmOfXJRX8

देर शाम हुई चर्चा में यह बात सामने आयी कि वह एक डॉक्टर (Docter) की सिफारिश लेकर वह कमिश्नर के पास गया था। यह बात होती इससे पहले ही वह खुद ही फंस गया। पुलिस जांच कर रही है कि वह कहीं ट्रांसफर पोस्टिंग का रैकिट (Transfer Posting Racket) तो नहीं चला रहा था। पुलिस की पूछताछ में युवक ने बताया कि 2016 में उसने पीसीएस इंटरव्यू दिया था मगर फेल हो गया था। कमिश्नर रणवीर प्रसाद ने बताया कि शशांक उनसे बमुश्किल दो मिनट ही बात कर सका। वह खुद को 2013 बैच का आईएएस बता रहा था। और इसी बैच की पास आउट दिव्या मित्तल और बरेली के पूर्व नगर आयुक्त सैमुअल पौल हैं, वह उन्हें नहीं जानता था। इसके बाद उसने बताया कि वह लेक्चरर हो गया है। कमिश्रर को उसकी इसी बात पर ऊपर शक हुआ।

पुलिस की पूछताछ में शशांक ने बताया कि उसने डीआईजी, एसएसपी और एसपी अभिषेक वर्मा से मुलाकात का प्रयास किया था। हरदोई के डीएम के साथ मुलाकात कर चुका है। बरेली एसएसपी के कार्यालय में भी मिलने के लिए गया था, वह फोन पर आईएएस बनकर बातचीत करता था। वह किन-किन लोगों के संपर्क में है, इसकी छानबीन के लिए पुलिस शशांक के मोबाइल की जांच करा रही है।