Bareilly: आशाओं ने इस अंदाज में लोगों को कोरोना से बचने के उपाय बताए, इसके बाद खूब हो रही तारीफ 

कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए गांव में लोगों को होम क्वारंटाइन (Home quarantine) करना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य था। लोग इसको समझने की बजाय विरोध करना शुरू कर देते। इसके बाद भी आशाओं ने लोगों को कोराना से बचाने की जिम्मेदारी को बखूवी निभाया। आखिर उन्हें इस काम में सफलता मिली।
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Bareilly: आशाओं ने इस अंदाज में लोगों को कोरोना से बचने के उपाय बताए, इसके बाद खूब हो रही तारीफ 

कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए गांव में लोगों को होम क्वारंटाइन (Home quarantine) करना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य था। लोग इसको समझने की बजाय विरोध करना शुरू कर देते। इसके बाद भी आशाओं ने लोगों को कोराना से बचाने की जिम्‍मेदारी को बखूवी निभाया। आखिर उन्‍हें इस काम में सफलता मिली। जिले में 24 आशा कार्यकर्ताओं (ASHA workers) की टोली ने गांव में घर-घर जाकर लोगों को गीत गाकर कोरोना से बचने के उपाय बताए। 
Bareilly: आशाओं ने इस अंदाज में लोगों को कोरोना से बचने के उपाय बताए, इसके बाद खूब हो रही तारीफ 
जनपद के क्यारा ब्लाक (Kyara Block) के तीन उपकेन्द्र क्यारा, बंरगिला और करेली की 24 आशा कार्यकर्ता अब तक मातृ-शिशु स्वास्थ्य के साथ परिवार नियोजन पर ज्यादा ध्यान देतीं थीं। उनके लिए कोरोना से जागरुक करना मुश्‍किल था। दूसरे राज्यों से आए लोग छिपकर (People secretly) अपने घरों तक पहुँच रहे थे। कोरोना से बचाने के प्रवासी लोग 14 दिन क्‍वारंटाइन की बात पर लड़ने को उतारू हो जाते थे।

 इसके इन्‍होंने गाँव के बड़े-बुजुर्गों, ग्राम प्रधान और अन्य प्रभावशाली लोगों को अपने से जोड़ा और लोगों को समझाना शुरू किया। कि होम क्वारंटाइन उनके को संक्रमण से बचाने (Prevent infection) के लिए क्‍वारंटाइन जरूरी है। धीरे-धीरे लोगों ने आशाओं के सुझाव मानने लगे। इन 24 आशा कार्यकर्ताओं की टीम की सफलता अब जिले की सभी 3150 आशा कार्यकर्ताओं के लिए एक मिसाल के रूप में है। इनमें 2875 आशा कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्र (rural area) में अपनी सेवा दे रहीं हैं।