बदायूं गैंगरेप प्रकरण : गिरफ्तारी के बाद महंत बोला-कुएं में कूदकर दी थी महिला ने जान, किए और भी खुलासे  

न्यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के बदायूं में 50 वर्षीय आंगनबाड़ी सहायिका से गैंगरेप व हत्या प्रकरण के मुख्य आरोपी महंत सत्य नारायण सिंह को पुलिस ने गुरुवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने गैंगरेप के बाद हत्या से इंकार किया। कहा कि मेरे एक दूसरी महिला से प्रेम संबंध थे जिसका आंगनबाड़ी सहायिका
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बदायूं गैंगरेप प्रकरण : गिरफ्तारी के बाद महंत बोला-कुएं में कूदकर दी थी महिला ने जान, किए और भी खुलासे  

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के बदायूं में 50 वर्षीय आंगनबाड़ी सहायिका से गैंगरेप व हत्‍या प्रकरण के मुख्‍य आरोपी महंत सत्‍य नारायण सिंह को पुलिस ने गुरुवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने गैंगरेप के बाद हत्‍या से इंकार किया।

कहा कि मेरे एक दूसरी महिला से प्रेम संबंध थे जिसका आंगनबाड़ी सहायिका विरोध कर रही थी। आक्रोश में आकर वह कुएं में कूद गई और उसकी जान चली गई। उसने डर की वजह से किसी को जानकारी नहीं दी और वह कार में लाश डालकर उसके घर डाल आया लेकिन आरोपी के बयान व मृतक महिला की पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट एक-दूसरे से मेल नहीं खा रहे हैं।

वहीं, प्रकरण में एक और महिला के नाम सामने आने के बाद पुलिस उसे भी पकड़ने के लिए दबिश देगी। महंत ने बताया कि उसके धर्म स्थल पर कई महिलाओं का आना जाना है। इन महिलाओं में से महंत दो के करीब थे।

ये है मामला

उत्‍तर प्रदेश के बदायूं के उघैती थाना क्षेत्र तीन जनवरी की रात आंगनबाड़ी सहायिका की मौत हो गई थी। परिजनों ने गैंगरेप के बाद हत्या का आरोप लगाकर तहरीर दी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला से निर्भया जैसी दरिंदगी का खुलासा हुआ था। गुप्तांग में रॉड जैसी कोई चीज डाली गई थी। बाईं पसली, पैर व फेफड़ा भी भारी चीज से प्रहार कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। महिला के प्राइवेट पार्ट में गंभीर घाव थे। काफी खून भी निकल गया था। उघैती पुलिस ने धर्मस्थल के महंत सत्यनारायण दास, उसके सहयोगी वेदराम व यशपाल पर दुष्कर्म व हत्या का मुकदमा दर्ज किया। वेदराम व यशपाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। फरार महंत सत्यनारायण दास पर 50 हजार का इनाम घोषित था। जिसके बाद उसे गुरुवार रात गिरफ्तार कर लिया गया।

महिला आयोग की सदस्य ने परिवार से की मुलाकात

राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चन्द्रमुखी ने गांव पहुंचकर परिवार से मुलाकात की। उन्‍होंने कहा कि महिला अपराधों को लेकर सरकार तो गंभीर है लेकिन अधिकारी नहीं। उघैती पुलिस चाहती तो महिला की जान बच सकती थी। राज्य महिला आयोग की सदस्य मिथलेश अग्रवाल ने भी पीड़ित परिवार को न्याय का भरोसा दिलाय़ा।