हल्द्वानी- छोटी सी उम्र में यूनीवर्सल के इन बच्चों के है इतने बड़े ख्वाब, कोई डॉक्टर तो कोई फौजी बनने को है बेकरार

हल्द्वानी- न्यूज टुडे नेटवर्क: हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा बड़े होकर एक अच्छा इंसान बने। वह पढ़-लिखकर जग में खूब नाम कमायें, जिसके लिए बच्चपन से ही अपने बच्चों को मां-बाप अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाने की कोशिश करते है। खुद का न पूरा करके वे अपने बच्चों की राह आसान
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हल्द्वानी- छोटी सी उम्र में यूनीवर्सल के इन बच्चों के है इतने बड़े ख्वाब, कोई डॉक्टर तो कोई फौजी बनने को है बेकरार

हल्द्वानी- न्यूज टुडे नेटवर्क: हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा बड़े होकर एक अच्छा इंसान बने। वह पढ़-लिखकर जग में खूब नाम कमायें, जिसके लिए बच्चपन से ही अपने बच्चों को मां-बाप अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाने की कोशिश करते है। खुद का न पूरा करके वे अपने बच्चों की राह आसान बनाते है। अपने पेरेंट्स की इन उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए ये बेहद जरूरी है कि बच्चें अपने स्कूल के शुरूआती दिनों में ही अपने भविष्य के लिए एक लक्ष्य चुने और जिसको पाने के लिए खूब मेहनत करें। कुछ ऐसे ही हसीन ख्वाब हल्द्वानी के यूनीवर्सल कॉन्वेंट स्कूल के दसवीं में टॉप करने वाले छात्रों ने भी सजाएं है। इतना ही नहीं परीक्षाफल में मिले इन सराहनीय अंको के लिए सभी बच्चों ने अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों और माता-पिता को दिया है।

हल्द्वानी- छोटी सी उम्र में यूनीवर्सल के इन बच्चों के है इतने बड़े ख्वाब, कोई डॉक्टर तो कोई फौजी बनने को है बेकरार

छोटी उम्र बड़े-बड़े ख्वाब

यूनीवर्सल कॉन्वेंट स्कूल की टॉपर सिमरन मठपाल भविष्य में वैज्ञानिक बनना चाहती है। बता दें कि सिमरन को दसवीं में 98 प्रतिशत अंक मिले है। सिमरन ने बताया कि वे वैज्ञानिक बनकर नासा से जुड़ना चाहती है। बताया कि नासा के बारे में जो बातें आज तक उन्होंने टीवी या पेपर में पढ़ी और देखी है। उसको वे अपने असल जीवन में भी मेहनत करके उतारना चाहती है। वही 97 प्रतिशत अंक के साथ स्कूल की सेकेंड टॉपर भाविका भट्ट बड़े होकर साफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती है। भाविका कहती है कि उनका दूसरा लक्ष्य है कि भविष्य में एक मुकाम हासिल करके अपने समाज की सेवा करें। जबकि स्कूल में तीसरा स्थान पाने वाली कामाक्षी बताती ही है कि कैसे एक अच्छे दिनचर्या तैयार करने आप किसी भी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते है। भाविका को दसवीं की परीक्षा में 96 प्रतिशत अंक मिले है, उनका लक्ष्य बड़े होकर इंजीनियर बनने का है।

हल्द्वानी- छोटी सी उम्र में यूनीवर्सल के इन बच्चों के है इतने बड़े ख्वाब, कोई डॉक्टर तो कोई फौजी बनने को है बेकरार

देश और समाज के बनेंगे रखवाले

दसवीं की परीक्षा में 96 प्रतिशत अंक हासिल कर स्कूल में तीसरा स्थान पाने वाली नंदिनी किरोला ने बताया कि 10वीं की परीक्षा के बाद 12वीं में इससे भी अच्छे अंक लाना उनका अगला लक्ष्य है। नंदिनी बड़े होकर डॉक्टरी की पढ़ाई करना चाहती है, ताकि वे अपने समाज की और जरूरतमंदो की सेवा कर सकें। वही चंदन मेहरा कड़ी मेहनत करके एनडीए में सफल होकर भारत माता की सेवा करना चाहते है। वही शिक्षकों की डांट व प्यार के कारण स्कूल में तीसरा स्थान हासिल करने वाले ऋषभ सुयाल भविष्य में आईएस अफसर बनकर देश की सेवा करना चाहते है।