बीएनपी के पूर्व विधायक को मिली मौत की सजा
आईसीटी-1 के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मोहम्मद शाहीनूर इस्लाम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायाधिकरण ने आदेश की घोषणा की है।
दो अन्य सदस्य न्यायमूर्ति अबू अहमद जमादार और न्यायमूर्ति के.एम. हाफिजुल आलम हैं।
22 अप्रैल, 1971 को, तालुकदार ने पाकिस्तानी कब्जे वाले सेना के जवानों और अन्य सहयोगियों के एक सहायक बल के रूप में, बोगुरा के आदमदिघी में कलशा बाजार, राठबाड़ी और तेरपोरा के गांवों में हिंदू समुदाय और स्वतंत्रता सेनानियों पर हमला किया था।
उन पर एक स्वतंत्रता सेनानी सहित कम से कम 10 लोगों की हत्या करने का आरोप है।
24-27 अक्टूबर 1971 तक तालुकदार ने पाकिस्तानी कब्जे वाले सेना के जवानों और सहयोगियों के साथ काशीमाला गांव में डकैती डाली और 16-17 घरों को लूट लिया और पांच लोगों की हत्या कर दी।
25 अक्टूबर 1971 को तालुकदार ने आदमदिघी के तलशान गांव के चार लोगों की हत्या कर दी थी।
उनके खिलाफ मार्च 2011 में कायतपारा गांव के स्वतंत्रता सेनानी सुबिद अली द्वारा अपराध का मामला दर्ज कराया गया था।
बाद में मामला आईसीटी को भेज दिया गया।
मोमिन 2001 में बोगरा के आदमदिघी इलाके से विधायक बने और 2008 में बीएनपी से चुनाव लड़ा।
लेकिन अब उन्हें आईसीटी ने मौत की सजा सुनाया है।
--आईएएनएस
एचके/आरजेएस