मृत बेटे के स्पर्म सैंपल जारी करने की दंपति की याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने पिछले साल मृतक के माता-पिता द्वारा अस्पताल द्वारा उनके बेटे के जमे हुए वीर्य के नमूने को उन्हें सौंपने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका में केंद्र सरकार को पक्षकार बनाया था।
बेटे के निधन के बाद, वह उसकी शेष शारीरिक संपत्ति के एकमात्र दावेदार हैं, और अस्पताल द्वारा उन्हें वीर्य के नमूने तक पहुंच से वंचित करने की कार्रवाई उनके अधिकारों का उल्लंघन प्रतीत होती है। केंद्र को नोटिस जारी करते हुए, अदालत ने मामले को जनवरी 2023 में आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है, यह देखने के बाद कि उसके फैसले का सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) अधिनियम 2021 पर प्रभाव पड़ सकता है।
जब मृतक का इलाज चल रहा था, अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि कैंसर के इलाज से बांझपन हो सकता है। इसलिए, उन्होंने जून 2020 में अस्पताल में एक आईवीएफ लैब में अपने स्पर्म को संरक्षित करने का फैसला किया। अपने बेटे की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए, दंपति ने अपने बेटे के स्पर्म को रिलीज करने के लिए अस्पताल का दरवाजा खटखटाया। हालांकि, अस्पताल ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि इस संबंध में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आया है।
--आईएएनएस
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