मुख्यमंत्री धामी ने त्रिवेंद्र खेमे को मसूरी से दिया जवाब, बोले - मछली वहीं फंसती है जहां वो मुंह खोलती है
इस दौरान मुख्यमंत्री ने जहां अफसरों को नसीहत दी वहीं, राजनेताओं को भी संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जो मछली मुंह खोलती है, अक्सर वही कांटे में फंसती है।
डीएम बोले- डिमोशन हो गया सीएम ने रुद्रप्रयाग के डीएम मयूर दीक्षित का उदाहरण। उन्होंने कहा, चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले मयूर उत्तरकाशी के डीएम थे। मुझे रुद्रप्रयाग के लिए अच्छा अफसर चाहिए था तो मैंने मुख्य सचिव से पूछा। उन्होंने मयूर का नाम सुझाया तो उन्हें रुद्रप्रयाग भेजा गया रुद्रप्रयाग भेजने पर मयूर का मुझे फोन आया। कहने लगे-बड़े जिले से छोटे में भेज दिया। यह तो मेरा डिमोशन हो गया। मैंने उन्हें समझाया। वह बात समझ गए और उन्होंने रुद्रप्रयाग जाकर बेहतरीन तरीके से कार्य शुरू कर दिया। सीएम धामी ने कहा कि जो लक्ष्य दिए जाएं, उन्हें पूरी ईमानदारी से प्राप्त करने के प्रयास करने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा-मेरा डेढ़ साल का कार्यकाल पूरा होने वाला है। इस दौरान मैंने आज तक ऐसा कुछ नहीं बोला जिस पर विवाद की स्थिति पैदा हुई हो। इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि मैं बोलता बहुत कम हूं। इसलिए कभी फंसने की नौबत ही नहीं आई। मैं शारदा नदी के किनारे पला-बढ़ा हूं। शारदा मेरे घर से महज पचास मीटर दूर है। बचपन से ही मैं अक्सर नदी में मछली पकड़ता था। मैं देखता था कि जो मछली मुंह खोलती, वही फंस जाती थी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने इस बयान के जरिए ज्यादा बोलने वालों को नसीहत दी।
--आईएएनएस
स्मिता/एएनएम