फायरिंग की घटना : सीएम ने कहा, पुलिस दिखा सकती थी और संयम
उन्होंने कहा,मंगलवार की घटना का असम-मेघालय सीमा मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। यह दो पक्षों के बीच लड़ाई का परिणाम था। कुछ स्थानीय लोग और वन रक्षक आपस में उलझ रहे थे, जो अंतत: घटना का कारण बना। छह लोगों की मौत वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने कहा, यह अकारण गोलीबारी का मामला प्रतीत होता है। हमने कुछ पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया गया था। न्यायिक जांच के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं। हम एनआईए या सीबीआई से मामले की जांच का अनुरोध करना चाहते हैं।
सरमा ने मीडियाकर्मियों को घटना की जानकारी देते हुए बताया कि वन क्षेत्र में कुछ लोगों ने लकड़ी काटकर ट्रक पर लाद दी थी। वन रक्षकों ने वाहन को रोकने की कोशिश की और ट्रक पर गोलियां चलाईं। पीछा करने के बाद मुकरोह गांव में तीन लोगों को पकड़ लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा, हंगामा सुनकर बड़ी संख्या में ग्रामीण बाहर आ गए और जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो दो पक्षों के बीच हाथापाई शुरू हो गई।
सरमा ने कहा कि वह इस मुद्दे पर मेघालय के अपने समकक्ष कोनराड संगमा के साथ लगातार संपर्क में हैं।
--आईएएनएस
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