ऑस्ट्रेलिया: प्रधानमंत्री ने इंडिजिनस वॉयस पर लोगों से सही के समर्थन की अपील की

कैनबरा, 26 मई (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी ऐल्बनीजि ने शुक्रवार को देश के लोगों से अपील की कि संसद में इंडिजिनस वॉयस के लिए होने वाले जनमत संग्रह में वे इतिहास के सही पक्ष में खड़े रहें।
 
कैनबरा, 26 मई (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी ऐल्बनीजि ने शुक्रवार को देश के लोगों से अपील की कि संसद में इंडिजिनस वॉयस के लिए होने वाले जनमत संग्रह में वे इतिहास के सही पक्ष में खड़े रहें।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को उलुरु स्टेटमेंट फ्रॉम द हार्ट के विमोचन के छह साल पूरे हो गए जिसमें संविधान में संशोधन कर वॉयस की स्थापना का आह्वान किया गया था। इंडिजिनस आबादी के 250 से अधिक प्रतिनिधियों ने इसका विमोचन किया था।

ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों को इंडिजिनस के नाम से जाना जाता है। इसमें एबॉरीजनल और टॉरेस स्ट्रेट आइलैंडर आते हैं। संसद में उनकी बात रखने के लिए इंडिजिनस वॉयस के नाम से एक संवैधानिक संस्था के गठन पर इस साल के अंत में जनमत संग्रह अपेक्षित है। यह संस्था संसद को मूल निवासियों के मुद्दों पर सलाह देगी।

ऐलबनीजि ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, 2023 के जनमत संग्रह में हां वोट हम सभी के लिए सुलह की तरफ अगला कदम उठाने का एक मौका है।

संसद को संबोधित करते हुए गुरुवार को प्रधानमंत्री ने वॉयस प्रस्ताव का आलोचनाओं से बचाव किया और जनमत संग्रह के शब्दों में बदलाव को खारिज कर दिया।

वॉइस के पुरजोर समर्थक ऐल्बनीजि ने गैर-मूल निवासी आस्ट्रेलियाई लोगों का आह्वान किया कि वे कल्पना करें कि वे एबॉरीजनल और टोरेस स्ट्रेट आइलैंडर लोगों की तरह असमानता के दूसरी तरफ हैं।

उन्होंने कहा, कल्पना करें कि आपके भाइयों और बहनों के सामान्य आबादी की तुलना में 10 साल कम जीने की संभावना है। कल्पना करें कि आपकी बेटी को प्रसव के दौरान अधिक जोखिम है - और आपके पोते को बाल मृत्यु का अधिक खतरा है। कल्पना करें कि आपके बेटे के विश्वविद्यालय की तुलना में जेल जाने की संभावना अधिक है।

इस सब की कल्पना करें - और फिर कल्पना करें कि पीढ़ियों को दरकिनार और अनदेखा किए जाने के बाद, आखिरकार आपको इसे बदलने का अवसर दिया जाता है। सुने जाने का अवसर दिया जाता है।

प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को कहा कि अगले सप्ताह संशोधन के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में पारित होने की उम्मीद है। यह जनमत संग्रह के एक कदम और करीब ले जाएगा।

--आईएएनएस

एकेजे