उत्तराखंड - गैंगस्टर विनय त्यागी मर्डर केस की निष्पक्ष जांच के लिए एसआईटी गठित, 750 करोड़ का खुलेगा राज
Uttarakhand Crime - लक्सर में गैंगस्टर विनय त्यागी पर हुए गोलीकांड और उसकी बाद में हुई मौत के मामले में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया है। सिटी सर्किल ऑफिसर (हरिद्वार) के नेतृत्व में गठित यह टीम घटना के सभी पहलुओं की गहन जांच करेगी।
एसएसपी के निर्देश पर सिटी सर्किल ऑफिसर (हरिद्वार) शिशुपाल सिंह नेगी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनके नेतृत्व में बनी एसआईटी में बहादराबाद थानाध्यक्ष एसआई अंकुश शर्मा, लक्सर कोतवाली एसआई विपिन कुमार, लक्सर कोतवाली हेड कॉन्स्टेबल विनोद कुंडलिया और रुड़की सीआईयू यूनिट के कॉन्स्टेबल महिपाल को शामिल किया गया है। टीम घटनास्थल, सुरक्षा व्यवस्था, पुलिस कार्रवाई और अन्य सभी तथ्यों की बारीकी से जांच कर तय समय में रिपोर्ट सौंपेगी।
पुलिस अभिरक्षा में हुआ था हमला -
घटना 24 दिसंबर की है, जब हरिद्वार पुलिस मोस्ट वांटेड अपराधी विनय त्यागी को रुड़की जेल से लक्सर कोर्ट में पेशी के लिए ले जा रही थी। लक्सर फ्लाईओवर पर बाइक सवार दो बदमाशों ने पुलिस सुरक्षा के बीच वाहन पर फायरिंग कर दी, जिसमें विनय त्यागी गंभीर रूप से घायल हो गया। हमलावर वारदात के बाद फरार हो गए थे।
पुलिस ने घेराबंदी कर 25 दिसंबर को खानपुर थाना क्षेत्र के गांव सिकंदरपुर के जंगल, बिजनौर हाईवे के पास से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान 28 वर्षीय सन्नी यादव उर्फ शेरा और 24 वर्षीय अजय पुत्र कुंवर सैन, निवासी काशीपुर (उधम सिंह नगर) के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार दोनों हार्डकोर अपराधी हैं और उनके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। घायल विनय त्यागी को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था, जहां 27 दिसंबर को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। विनय के सीने, हाथ और गले में गोलियां लगी थीं।
परिजनों ने जताया संदेह -
पुलिस पूछताछ में सामने आया था कि रुपयों के लेन-देन को लेकर सन्नी यादव की विनय त्यागी से रंजिश थी और इसी कारण वारदात को अंजाम दिया गया। हालांकि, मृतक के परिजन पुलिस की इस थ्योरी से संतुष्ट नहीं हैं। परिजनों ने ईडी जांच और कथित 750 करोड़ रुपये की ब्लैक मनी को हत्या का कारण बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। त्यागी समाज से जुड़े संगठनों ने भी मामले में पारदर्शी जांच की मांग उठाई है।
एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने कहा कि एसआईटी का गठन जनविश्वास बनाए रखने और सच्चाई सामने लाने के उद्देश्य से किया गया है। जांच में यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही या दोष सामने आता है तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।