नैनीताल - हाईकोर्ट ने "रानीखेत बीमारी" नाम बदलने का दिया आदेश, जानिए क्या है रानीखेत नाम का रोग, क्या पड़ है रहा प्रभाव 

 
नैनीताल - हाईकोर्ट ने "रानीखेत बीमारी" नाम बदलने का दिया आदेश, जानिए क्या है रानीखेत नाम का रोग, क्या पड़ है रहा प्रभाव 

Ranikhet Disease - उत्तराखंड हाईकोर्ट के एक दिलचस्प फैसले में, राज्य सरकार को पक्षियों को प्रभावित करने वाले एक वायरल रोग "रानीखेत disease" (रानीखेट रोग) का नाम बदलने पर विचार करने का निर्देश दिया गया है. ये फैसला रानीखेत निवासी सतीश जोशी द्वारा दायर जनहित याचिका के बाद आया है. याचिका में जोशी का तर्क था कि इस बीमारी के नाम से रानीखेत के पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचता है.


अल्मोड़ा से लगभग 50 किमी दूर रानीखेत में स्थित छावनी, स्वास्थ्यप्रद जलवायु, मनोरम हिमालय के दृश्यों और देवदार और बांज प्रजाति के पेड़ों की सुखदायक और प्रदूषण मुक्त हरियाली सभी को आकर्षित करती है. यहां कुमाऊं रेजीमेंट सेंटर भी है. गोल्फ कोर्स सबसे अनुभवी पर्यटकों के लिए भी यादगार अनुभव हैं. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि जिस तरह मसूरी और नैनीताल जैसे अन्य शानदार हिल स्टेशनों को गौरवान्वित किया जाता है, उसी तरह रानीखेत को किसी बीमारी के नकारात्मक प्रभाव से प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए.


हालांकि ये नाम रानीखेत के लिए जरूर थोड़ा अखरता है, लेकिन बीमारी का इतिहास कुछ और ही कहता है। विशेषज्ञों के अनुसार, रानीखेत रोग, जिसे न्यूकैसल डिजीज के नाम से भी जाना जाता है, की शुरुआत 1938 से मानी जाती है. उस समय पक्षियों को प्रभावित करने वाले पैरामाइक्सोवायरस नामक वायरस के एक खास स्ट्रेन को सबसे पहले न्यूकैसल (इंग्लैंड) में पाया गया, इसके बाद रानीखेत में भी इसकी मौजूदगी दर्ज की गई। ये बीमारी मुर्गियों और अन्य पक्षियों के लिए जानलेवा है. इसके मुख्य लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ, गर्दन का हिलना और पैरों एवं पंखों का लकवा शामिल है.


उत्तराखंड पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सक डॉक्टर देवकी पिलखुवाल बताते हैं, "इस वायरस के स्ट्रेन को सबसे पहले न्यूकैसल में और फिर रानीखेत में पाया गया था. इसीलिए एशियाई देशों में इसे रानीखेत रोग के नाम से जाना जाता है, जबकि पश्चिमी देशों में इसे न्यूकैसल डिजीज कहते हैं.

 

अदालत ने राज्य सरकार को 27 जून तक बीमारी के लिए वैकल्पिक नाम प्रस्तावित करने के लिए कहा है. अदालत ने एक स्थापित चिकित्सा शब्द का नाम बदलने में राज्य के अधिकार क्षेत्र की सीमाओं को भी माना है. हालांकि, अदालत ने सुझाव दिया कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर अधिक आधिकारिक नाम बदलने की प्रक्रिया को सुगम बना सकती है.

यह खबर रानीखेत के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है. जहाँ रानीखेत अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध पक्षी जीवन के लिए जाना जाता है, वहीं इस बीमारी के नाम के साथ जुड़ाव कुछ पर्यटकों के लिए निवारक हो सकता है. बीमारी का नाम बदलने से इस बीमारी और लोकप्रिय पर्यटन स्थल के बीच की गलतफहमी को दूर करने में मदद मिल सकती है.