हल्द्वानी - नाबालिग चालक ने थार से कुचला था सुपरवाइजर को, खुद 350 KM की ड्राइव की, पिता पर हुआ मुकदमा
हल्द्वानी - टीपीनगर पुलिस चौकी के सामने तीन दिन पहले हुई दर्दनाक दुर्घटना में नया मोड़ आया है। जिस थार वाहन ने सुपरवाइजर जीवन पंत को कुचल दिया था, उसका चालक नाबालिग निकला। पुलिस ने नाबालिग सहित वाहन में सवार सभी लोगों को छोड़ दिया है, जबकि नाबालिग के पिता पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
जानकारी के अनुसार, जीवन पंत (55 वर्ष) निवासी सत्यलोक कॉलोनी डहरिया, किच्छा स्थित किंग फिशर कंपनी में सुपरवाइजर थे। बीते शनिवार सुबह करीब 6 बजे वह ड्यूटी के लिए घर से निकले थे। इसी दौरान टीपीनगर चौकी के सामने थार (UP 32 QI 8316) ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में उनकी मौके पर ही मौत हो गई। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसका फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
घटना के समय थार में चार युवक सवार थे, जिन्हें मौके पर ही पुलिस ने पकड़ लिया था। हालांकि, पुलिस ने पहले अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। मामला तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने खुलासा किया कि वाहन चलाने वाला युवक लखनऊ के गोमतीनगर का रहने वाला नाबालिग है।
जीवन पंत की पत्नी राधा पंत की तहरीर पर पुलिस ने BNS की धारा 106(1) व 281 के तहत केस दर्ज किया था। बाद में जांच में सामने आया कि नाबालिग को वाहन उसके पिता ने चलाने को दिया था। इस पर पुलिस ने पिता के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम की धारा 199(ए) में मुकदमा दर्ज किया है।
एसपी सिटी प्रकाश चंद्र ने बताया कि नाबालिग के पिता की लापरवाही से ही यह घटना हुई। उन्हें नोटिस जारी कर जांच में सहयोग के निर्देश दिए गए हैं और कहा गया है कि जांच पूरी होने तक वे शहर नहीं छोड़ेंगे।
लखनऊ से हल्द्वानी तक 350 किमी सफर, पुलिस की चेकिंग पर उठे सवाल -
इस घटना ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। दावा किया जाता है कि सीमाओं पर सघन चेकिंग की जाती है, लेकिन लखनऊ से हल्द्वानी तक करीब 350 किमी का सफर तय करने के बावजूद किसी ने भी नाबालिग चालक को नहीं रोका।
थार में सवार ये चारों युवक नीब करौली मंदिर जा रहे थे और हादसे के बाद ही पकड़े गए। पुलिस ने नाबालिग होने का हवाला देते हुए सभी को छोड़ दिया, जिससे आमजन में आक्रोश है।