उत्तराखंड - आज से शुरू हो रहा हैं हिन्दू नववर्ष , जानिए इसके महत्त्व 

 

Hindu New Year 2021 : 

हिन्दू नववर्ष यानी नव-संवत्सर 2078 की शुरुआत आज 13 अप्रैल 2021 से हो रही है। भारत में हिन्दू नव वर्ष का त्यौहार  श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि होती है। नवरात्रि व्रत भी इसी तिथि से प्रारंभ होता है। हिन्दू नववर्ष पर लोग एक दूसरे को बधाइयां देते हैं और खुशियां मनाते हैं. नवरात्रि शक्ति की उपासना का पर्व है, जिसमें नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों (मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी, मां सिद्धिदात्री) की पूजा अर्चना की जाती है। मां के भक्त नवरात्रि के व्रत रखकर उनकी उपासना करते हैं।चैत्र के इस पवित्र मास का ज्योतिष शास्त्र से भी अत्यंत गहरा संबंध है। क्योंकि इस महीने से ही प्रकृति में शुभता और नई उर्जा का संचार होता है। आइए जानते हैं इसका महत्व।

हिन्दू नववर्ष का धार्मिक महत्व : 

पौराणिक मान्यता अनुसार ब्रह्माजी ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही सृष्टि की रचना शुरू की थी। इसी के चलते पंचांग के अनुसार, हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नववर्ष शुरू हो जाता है। इस बार हिंदू नववर्ष, 13 अप्रैल 2021 से शुरू होगा । मान्यता के अनुसार इस त्योहार पर सारी बुराईयों का नाश हो जाता है और सुख समृद्धि का आगमन होता है । इसे भारत में बेहद धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसे मुख्य पर्वों में से एक माना जाता है। इसी दिन भगवान विष्णु ने दशावतार में से पहला मत्स्य अवतार लेकर प्रलयकाल में अथाह जलराशि में से मनु की नौका का सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था। प्रलयकाल समाप्त होने पर मनु से ही नई सृष्टि की शुरुआत हुई। नवरात्रि उत्सव देवी अंबा (विद्युत) का प्रतिनिधित्व है। बसंत की शुरुआत और शरद ऋतु की शुरुआत, जलवायु और सूरज के प्रभावों का महत्वपूर्ण संगम माना जाता है। इन दो समय मां की दुर्गा पूजा के लिए पवित्र अवसर माने जाते है।