हल्द्वानी - पत्रकार मनोज आर्य ने की राजनीति में एंट्री, हल्द्वानी मेयर पद के लिये कसी कमर, पढ़िए क्या हैं उनकी पृष्ठभूमि

 
हल्द्वानी - पत्रकार की राजनीति में एंट्री से नेताओं की उड़ी नींद!, जानिए कौन हैं मेयर पद की दावेदारी करने वाले मनोज आर्य Manoj arya Haldwani Mayor candidate
हल्द्वानी - उत्तराखंड में निकाय चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में मेयर पद के लिए कई दावेदार होंगे लेकिन आज हम जिस दावेदार की बात करने जा रहे है उनको शायद किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है हम बात कर रहे हैं मनोज आर्य की जो एक वरिष्ठ पत्रकार हैं और अपनी पत्रकारिता से छोटे से लेकर बड़े मुद्दे शासन- प्रशासन और सरकार तक पंहुचाते आये है. मनोज आर्य स्वर्गीय ओम प्रकाश आर्य के बेटे हैं. जिन्होंने ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ पत्रकारिता की नींव रखी जिनकी कलम में तलवार से भी ज्यादा धार थी जिन्होने सैकड़ो पत्रकारों को शिक्षा दी दर्जनों शिक्षार्थी को पीएचडी करवाने मे मदद करी और उन्हें आगे बढ़ाया उनके पुत्र मनोज आर्य आज अपने पिता के सपनों और आपकी हमारी आवाज़ बनकर खड़े हुए हैं. स्वर्गीय ओम प्रकाश आर्य का योगदान पत्रकारिता में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है, और इस पारिवारिक धरोहर के साथ मनोज आर्य का जुड़ाव दर्शाता है कि वह एक जिम्मेदार और ईमानदार व्यक्ति हैं, जिनका उद्देश्य समाज की बेहतरी के लिए काम करना है।
व्यक्तिगत परिचय की बात करें तो मनोज ने कुमाऊँ विश्वाविद्यालय से एम.कॉम. और उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. वह लगभग 22 वर्षो से पत्रकारिता जगत से जुड़े हुए हैं. मनोज आर्य की शिक्षा और 22 वर्षों का पत्रकारिता अनुभव उन्हें इस पद के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार बनाता है. उनका कुमाऊं विश्वविद्यालय से एम.कॉम और ओपन यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री के साथ पत्रकारिता में विशेष शिक्षा, यह साबित करती है कि वह न केवल अच्छे पत्रकार हैं बल्कि एक शिक्षित और योग्य व्यक्ति भी हैं.
मीडिया में 'खबर संसार' अखबार और यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से उन्होंने समाज के मुद्दों को सामने लाने और जनता की आवाज़ को बुलंद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस प्रकार, इस प्रकार मनोज के बारे में जानने से प्रतीत होता है कि मनोज आर्य न केवल एक अनुभवी पत्रकार हैं, बल्कि वह समाज और शहर के उत्थान के लिए एक बेहतरीन नेतृत्वकर्ता भी हो सकते हैं. उनकी दावेदारी से राजनीति में नेताओं द्वारा तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.