हरिद्वार-बैसाखी शाही स्नान पर साधु-संतों ने लगाई आस्था की डुबकी, पढिय़े आखिर क्यों खास है ये स्नान

 

हरिद्वार-बुधवार को कुंभनगरी में मेष संक्रांति पर शाही स्नान व बैसाखी का पर्व स्नान है। ऐसे में देर रात 12 बजे से सुबह सात बजे तक श्रद्धालु हरकी पैड़ी पर स्नान कर सके। इसके साथ ही सुबह सात बजे हरकी पैड़ी को संतों के लिए खाली कराया गया। आज स्नान के लिए सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी हर की पैड़ी पहुंच गया है। इसके सहयोगी अखाड़े भी साथ हैं। बता दें कि अखाड़ों के स्नान के दौरान हर की पैड़ी पर आम श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। 

उन्हें अन्य घाटों पर स्नान करना होगा। शाही स्नान में सभी 13 अखाड़े भाग लेंगे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अनुसार अखाड़ों के स्नान क्रम में कोई परिवर्तन नहीं रहेगा। शास्त्रों के अनुसार मेष संक्रांति पर अमृत योग में होने वाले इस शाही स्नान को कुंभ का मुख्य स्नान माना गया है। मेलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि शाही स्नान के लिए हरकी पैड़ी को अखाड़ों के लिए आरक्षित रखा गया है। उन्होंने बताया कि श्रद्धालु शाम को गंगा आरती के बाद हरकी पैड़ी पर स्नान कर सकते हैं। सुबह श्रद्धालु कितने बजे तक स्नान कर सकेंगे, इस बारे में भीड़ को देखकर ही फैसला लिया जाएगा।