देहरादून - उत्तराखंड में तीलू रौतेली पुरस्कार से यह 13 वीरांगनाएं सम्मानित, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी मिला सम्मान
देहरादून - उत्तराखंड सरकार द्वारा हर वर्ष राज्य की वीरांगनाओं और उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को दिए जाने वाले 'तीलू रौतेली पुरस्कार' का वितरण गुरुवार को राजधानी देहरादून के आईआरडीटी सभागार, सर्वे चौक में आयोजित एक भव्य समारोह में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 13 महिलाओं को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया। साथ ही 33 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी उनके सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।
सम्मानित हुईं ये महिलाएं -
राज्य के विभिन्न जिलों से चुनी गईं महिलाओं को उनके सामाजिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक और साहसिक योगदान के लिए 51,000 रुपये नकद और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। सम्मान प्राप्त करने वाली वीरांगनाओं के नाम इस प्रकार हैं:
अल्मोड़ा – मीता उपाध्याय
बागेश्वर – अलिशा मनराल
चमोली – सुरभि
चम्पावत – अनामिका बिष्ट
देहरादून – शिवानी गुप्ता
हरिद्वार – रूमा देवी
नैनीताल – नैना
पौड़ी गढ़वाल – रोशमा देवी
पिथौरागढ़ – रेखा भट्ट
रुद्रप्रयाग – हेमा नेगी करासी
टिहरी गढ़वाल – साक्षी चौहान
ऊधमसिंह नगर – रेखा
उत्तरकाशी – विजयलक्ष्मी जोशी
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी सम्मान -
इस अवसर पर 33 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी 51,000 रुपये की पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि आंगनबाड़ी, मिनी आंगनबाड़ी और सहायिकाओं के मानदेय में भी बढ़ोतरी की गई है।
अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 9300 रुपये, मिनी आंगनबाड़ी को 6250 रुपये, सहायिकाओं को 5250 रुपये मानदेय मिलेगा। साथ ही, उन्हें सुपरवाइजर पद पर पदोन्नति का भी अवसर दिया जाएगा।
सीएम धामी ने दी श्रद्धांजलि-
मुख्यमंत्री धामी ने वीरांगना तीलू रौतेली को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि, "महज 15 वर्ष की आयु में उन्होंने जिस साहस और शौर्य का परिचय दिया, वह आज की बेटियों के लिए प्रेरणा है। तीलू रौतेली को उत्तराखंड की झांसी की रानी कहना गलत नहीं होगा।"
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने तीलू रौतेली पुरस्कार राशि को 31,000 से बढ़ाकर 51,000 किया। महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30% आरक्षण दिया। देश में पहली बार समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की।