Corona Symptoms : पहले से कितना खतरनाक हैं कोरोना का नया स्ट्रेन , जानिए कोरोना के नए लक्षण 

 

 भारत में कोरोना वायरस के रोजाना एक लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर पहले से ज्यादा तेज फ़ैल रही हैं । खांसी, बुखार, लॉस ऑफ टेस्ट-स्मैल इस जानलेवा वायरस के कॉमन लक्षण थे. लेकिन नए स्ट्रेन की तबाही के साथ अब नए लक्षण भी देखने को मिले हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश के 18 राज्यों में कोरोना के नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। इसलिए जरुरी है कि समय रहते इन लक्षणों को पहचान कर आसानी से इसका इलाज कर सके।

कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षण :
 

पेट से जुड़ी समस्या - नए स्ट्रेन में शोधकर्ताओं ने गैस्ट्रोइंटस्टाइनल से जुड़ी शिकायत होने की बात भी कही है. पहले जहां मरीज को सिर्फ अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम में शिकायत होती थी, अब पेट से जुड़ी दिक्कतें भी सामने आ रही हैं. नए स्ट्रेन में लोगों ने डायरिया, उल्टी, पेट में ऐंठन और डायजेस्टिव डिसकम्फर्ट महसूस किया है. 

सिरदर्द - हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना का नया वेरिएंट बॉडी पर अलग-अलग तरीके से हमला कर रहा है कई बार ज्यादा काम, तनाव, धूप  आदि के कारण भी सिरदर्द की समस्या हो जाती है। लेकिन आपको बता दें कि यह भी महामारी का ही एक लक्षण है। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के माथे और आंखों के ऊपर लगातार तेजी से दर्द बना रहता है। 

हार्ट बीट -  अगर आप कुछ दिनों से दिल की असामान्य गति को महसूस कर रहे हैं तो इसे बिल्कुल नजरअंदाज न करें, मेयो क्लीनिक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नए स्ट्रेन की चपेट में आने के बाद धड़कन की रफ्तार काफी ज्यादा तेज हो जाती है. 

थकान - कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को अधिक थकान भी समस्या हो जाती है। लेकिन जरूरी नहीं है कि वह उससे संक्रमित हो। कई बार अधिक काम, तनाव या फिर कमजोरी के कारण ऐसा हो जाता है। 

हल्की लाल आंखें - चीन में हुई एक हालिया स्टडी के मुताबिक, नए स्ट्रेन पर गौर करने पर कुछ खास लक्षणों की पहचान की गई है. इंफेक्शन के नए वेरिएंट में इंसान की आंखें हल्की लाल या गुलाबी हो सकती हैं. आंखों में लालपन के अलावा, सूजन और आंख से पानी आने की भी शिकायत हो सकती है

ब्रेन फॉग -  कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित होने वाले लोगों में न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर की समस्या भी देखने को मिल रही है. medRxiv की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लंबे समय तक कोरोना से बीमार रहने वालों में ब्रेन फॉग या मेंटल कंफ्यूज़न की समस्या देखने को मिली है. इस न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर का असर उनकी नींद और मेमोरी लॉस पर भी पड़ रहा है.