हर्पीज़-बी वायरस: जानिए कितना घातक है ये वायरस, इसके लक्षण और बचाव के तरीके

 

दुनियाभर में पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से जारी कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच कई अन्य तरह के संक्रमण भी स्वास्थ्य संस्थाओं के लिए लगातार चिंता का विषय बने हुए हैं। हाल ही में मंकीपॉक्स और नोरोवायरस जैसे संक्रमण के सामने आए मामलों को लेकर स्वास्थ्य संगठन पहले ही अलर्ट पर है। इसी बीच बंदरों से फैलने वाले बी हर्पीज़-बी वायरस संक्रमण ने चिंता बढ़ा दी है। इसे मंकी-बी वायरस संक्रमण के नाम से भी जाना जाता है। चीन में इसी दुलर्भ संक्रमण के शिकार एक 53 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई है।आइये जानते है इसके लक्षण और बचाव के तरीको के बारे में - 

हर्पीज़-बी वायरस के लक्षण 
सीडीसी के मुताबकि हर्पीज़-बी वायरस से संक्रमित व्यक्ति में आमतौर पर फ्लू जैसे लक्षण ही दिखाई देते हैं। संक्रमित को बुखार और ठंड लगने, मांसपेशियों में दर्द, थकान-सरदर्द की समस्या हो सकती है। जिन लोगों को बंदर काट लेते हैं उनको शरीर के घाव या आसपास के हिस्सों में छोटे फफोले हो सकते हैं। संक्रमित होने के तीन से सात दिनों में लक्षण दिखने लगते हैं। प्रयोगशाला के कर्मचारी, पशु चिकित्सक और अन्य लोग जो मैकाक बंदरों या उनके सैंपल के संपर्क में आते हैं, उनमें संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है।

मंकी बी वायरस से बचाव के उपाय
वर्तमान में मंकी बी वायरस का मुकाबला करने के लिए कोई टीका नहीं है। समय पर एंटीवायरल दवाएं लेने से जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि अगर आपको बंदर ने काट लिया है तो घाव को साबुन, डिटर्जेंट या आयोडीन से 15 मिनट तक धोएं और धीरे से साफ करें। इसके अलावा घाव को 15 से 20 मिनट और पानी से धोएं। साथ ही तुरंत डॉक्टर से ट्रीटमेंट लें। तनिक भी देर या लापरवाही ठीक नहीं है।