Health Benefits of Cherries: जानिए सेहत के लिए चेरी खाने के 6 बेहतरीन फायदे

 

सुर्ख लाल रंग की चेरी देखने में जितनी खूबसूरत दिखती है उतनी खाने में मीठी लगती है।चेरी की गिनती चुनिंदा खास फलों में होती है। चेरी फल आकार में छोटे और गोल होते हैं। चेरी एक ऐसा फ्रूट है जिसे रोमांटिक फलों में गिना जाता है। चेरी पोषक तत्वों का ख़जाना है जिसमें थाईमिन, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के, विटामिन ई, विटामिन बी 6, पैटोथेनिक एसिड, नियासिन, फोलेट, पोटेशियम, मैग्नीज, कॉपर, आयरन, कैल्शियम और फॉस्फोरस मौजूद होता हैं, जो अच्छी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में बेहद मददगार है। चेरी कई बीमारियों का उपचार भी करती है। कब्ज का बेहतर उपचार है चेरी। इतनी गुणकारी चेरी सेहत को किस तरह फायदा पहुंचा सकती है जानिए।

एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव से युक्त
हमारे शरीर में एंटीऑक्सीडेंट अहम भूमिका निभाता है। यह शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद कर सकता है। फ्री रेडिकल्स यानी मुक्त कण के कारण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस होता है, जिससे कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह की समस्या, अल्जाइमर रोग (भूलने की बीमारी), पार्किंसंस रोग (इसमें शारीरिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं) और नेत्र रोग, जैसे मोतियाबिंद का जोखिम बढ़ सकता है।

अनिद्रा से छुटकार दिलाती है
चेरी में मेलाटोनिन की मात्रा बहुत अधिक पाई जाती है जो अनिद्रा व नींद की समस्या से छुटकारा दिलाने में भी मदद करती है। 

सिर दर्द में लाभदायक
चेरी का सेवन करने पर माइग्रेन से होने वाले सिर दर्द में भी लाभदायक प्रभाव दिखा सकता है। दरअसल, एक अध्ययन के दौरान जब एक 24 वर्षीय महिला रोगी को चेरी के रस का सेवन कराया गया, तो माइग्रेन के कारण होने वाले सिर दर्द की समस्या में काफी हद तक कमी देखी गई। हालांकि, रिसर्च में इस बात का जिक्र नहीं किया गया कि चेरी के रस का कौन-सा प्रभाव इस समस्या में फायदेमंद होता है।

वजन कम करने में सहायक
शरीर में अतिरिक्त चर्बी के जमा होने पर मोटापे की समस्या हो सकती है। इस समस्या में चेरी का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। एक रिसर्च के अनुसार चेरी में एंटीऑबेसिटी प्रभाव होता है। यह प्रभाव मोटापा कम करने में मददगार हो सकता है। इसके अलावा, शोध में इस बात का जिक्र भी मिलता है कि चेरी का सेवन मोटापे से जुड़ी सूजन और मेटाबोलिक सिंड्रोम को कम करने में भी मददगार हो सकता है।