लगातार दूसरे दिन ईंधन की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं
77 डॉलर प्रति बैरल को पार करने के बाद, वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें थोड़ी नरम हो गई हैं, तेल कार्टेल ओपेक में उत्पादन में कटौती जारी रखने और कई यूरोपीय देशों में कोविड के बढ़ते मामलों पर मांग की चिंताओं के कारण मतभेद सामने आए हैं।
बुधवार को कीमतों पर विराम के साथ, राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत 101.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 89.72 रुपये प्रति लीटर पर जारी है।
परिवहन क्षेत्र को राहत देने के लिए तेल कंपनियों ने सोमवार को पेट्रोल के दाम तो बढ़ा दिए थे लेकिन डीजल की कीमतों में मामूली कमी की थी। मंगलवार को कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ था।
देश भर में और साथ ही ईंधन की कीमतें बुधवार को अपरिवर्तित रहीं, लेकिन राज्यों में स्थानीय करों के स्तर के आधार पर दरें भिन्न थीं।
1 मई को 90.40 रुपये प्रति लीटर की कीमत से शुरू होकर अब राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत 101.19 रुपये प्रति लीटर हो गई है, जो पिछले 75 दिनों में 10.79 रुपये प्रति लीटर है। इसी तरह, राजधानी में डीजल की कीमत भी पिछले दो महीनों में 8.99 रुपये प्रति लीटर बढ़कर राष्ट्रीय राजधानी में 89.72 रुपये प्रति लीटर हो गई, जो मई की शुरूआत में 80.73 रुपये प्रति लीटर थी।
पिछले दो महीनों में कीमतों में वृद्धि के साथ, मई, जून और जुलाई के बीच अब तक के 75 दिनों में से 39 दिनों में ईंधन दरों को संशोधित किया गया है, जिससे देश भर में खुदरा दरें नई ऊंचाई पर पहुंच सकें। यह 36 दिनों तक अपरिवर्तित रहा था।
उपभोक्ता अब उम्मीद कर सकते हैं कि ईंधन की कीमतों में और बढ़ोतरी तभी रोकी जा सकेगी जब तेल विपणन कंपनियां राहत देने के लिए अगले कुछ दिनों में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कटौती शुरू करेंगी।
--आईएएनएस
एसएस/आरजेएस