अखिलेश बोले- EVM व्यवस्था को समाप्त करने के लिए सपा चलाएगी अभियान, यूपी में सत्ता वापसी का दावा
न्यूज टुडे नेटवर्क। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गुरूवार को कहा कि यूपी में सपा 350 सीटें जीतेगी। सत्ता वापसी का दावा करते अखिलेश ने कहा कि ईवीएम व्यवस्था को समाप्त करने के लिए अब सपा अभियान चलाएगी। अखिलेश ने पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर केस का जिक्र भी किया। कहा कि सरकार आज तक एनकाउंटर की थ्योरी को साफ नहीं कर पाई है। ये कोई एक घटना नहीं थी। इसके अलावा भी कई घटना हुई हैं। रामराज्य का सपना दिखाने वालों की पुलिस भ्रष्टाचार में फंसी हुई है।
दरअसल, अक्टूबर 2019 में झांसी की पुलिस ने कथित रेत माफिया पुष्पेंद्र यादव का एनकाउंटर कर दिया था। पुलिस का कहना था कि मोंठ थाना प्रभारी ने उसका अवैध बालू से लदा ट्रक पकड़ा था, जिसके बाद उसने उन पर हमला किया था। मुठभेड़ में पुष्पेंद्र मारा गया। वहीं, पुष्पेंद्र के परिजनों ने पुलिस पर घूस न देने पर हत्या करने का आरोप लगाया था। इस मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उप्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे।
अखिलेश यादव ने कहा कि हाथरस घटना में सरकार ने परिवार की नहीं सुनी और अपने मन की की। हाल में ही एक बार फिर घटना घट गई। भारतीय जनता पार्टी की भाषा बदल गई है। लोकतंत्र में ठोक दो की और पटक-पटक कर मारा जाएगा ये भाषा नहीं हो सकती है। अखिलेश ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है।
अखिलेश यादव ने कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए कहा कि जब किसान ही कानूनों को नहीं चाहता है तो उसे लागू क्यों सरकार करना चाहती है। किसानों को अपनी ही जमीन पर मजदूर बनकर रहना पड़ेगा। ये सरकार गैस, पेट्रोल और डीजल से मुनाफा कमाना चाहती है। बुंदेलखंड में डिफेंस कॉरिडोर के नाम पर किसानों की जमीन ले ली गई। लेकिन, आज पूरे चार साल बाद भी काम शुरू नहीं हुआ है। कर्ज की वजह से किसान आत्म हत्या कर रहा है तो किसानों की कर्ज माफी की योजना का क्या हुआ?
अखिलेश ने अपने कार्यकाल में बुंदेलखंड में कराए गए कामों को गिनाते हुए कहा कि झांसी सैनिक स्कूल को जितना समाजवादी पार्टी ने बनवाया उतना ही बना रह गया। सीपरी ओवरब्रिज जो पहले ही बन जाना चाहिए था वो अभी तक नहीं बना। पाता नहीं ये सरकार क्या करना चाह रही है। मॉनिटाइजेशन के नाम पर रेलवे और पेट्रोल पंप बिक रहे हैं। CM अर्थ व्यवस्था पर बात नहीं करना चाहते हैं। वे छात्रों को लैपटॉप नहीं देना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें खुद चलाना नहीं आता है।