अगर आप सेकेंड हैंड (पुराने) वाहन खरीद रहें हैं , तो जान लें इन जरूरी बातों को, नहीं तो पड़ेगा पछताना
आजकल सेकेंड हैंड (पुराने) वाहन खरीदरने का ट्रेंड जोरों पर हैं। दरअसल अपने आपको अप टू डेट रखने के लिए लोग नई लॉन्च होने वाली गाड़ी खरीदते हैं, ऐसे में वे लोग अपनी पुरानी गाडिय़ों को बेंच देते हैं,ये उन लोगों के लिए फायदे का सौदा होता है। नई गाड़ी बजट में न होने के कारण अकसर लोग सेकेंड हैंड (पुराने) वाहन खरीदते हैं। फिर चाहे 2 व्हीलर हो या 4 व्हीलर, लोग इस तरह के वाहनों में खासी दिलचस्पी लेते हैं। लोगों को गाड़ी खरीदने की इतनी जल्दी रहती है कि पैसे देकर गाड़ी तो ले जाते हैं, लेकिन इससे जुड़े अन्य जरूरी काम भूल जाते हैं। यह गलती खासी महंगी पड़ सकती है। अगर आप पुरानी गाड़ी खरीद रहे हैं तो इस तरह के नुकसान से बचने के लिए जरूरी है कि आप कुछ बातों का विशेष ख्याल रखें।
गाड़ी की सर्विस हिस्ट्री देख लें
गाड़ी लेने से पहले उस ब्रांड के शोरूम जरूर जाकर गाड़ी की हिस्ट्री जरूर चेक कर लें। इससे न केवल आपको रेगुलर सर्विस की जानकारी मिलेगी। वहीं अगर शख्स ने कार मीटर के साथ छेड़छाड़ की है, तो वह भी पकड़ में आ जाएगी।
अच्छे मैकेनिक से जरूर कराएं जांच
कोई भी पुरानी गाड़ी खरीदने से पहले एक अच्छे मैकेनिक से उसकी जांच जरूर कराएं। अकसर गाड़ी बेचने वाला उसकी अच्छे से डेंटिंग-पेंटिंग कर देता है। यह काम ज्यादा खर्च वाला नहीं है। अगर आपने गाड़ी की जांच अच्छे से नहीं करवाई तो उसका रखरखाव महंगा पड़ सकता है।
मानकों का रखें ध्यान
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए NGT ने वाहनों के लिए कुछ मानक तय किए हैं। जल्द ही बाजार में BS-6 मानक वाले वाहन आने वाले हैं। समय-समय पर इनमें बदलाव भी होता है। पुरानी गाडिय़ां खरीदते समय आपको इन मानकों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। ऐसी गाडिय़ों को खरीदने से बचें ? जिनसे ज्यादा प्रदूषण होता है।
नहीं खरीदें 15 साल पुरानी गाडिय़ां
सरकार इस समय इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर दे रही है। ऐसे में 15 साल से ज्यादा पुरानी गाडिय़ों को खरीदने से बचें। यह वाहन जल्द ही कंडम हो सकते हैं। ऐसे में अगर आपने 10 साल से ज्यादा पुराना वाहन भी खरीदा तो उसे आप ज्यादा लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। हर गाड़ी के रजिस्ट्रेशन कार्ड पर वैलिडिटी होती है। गाड़ी खरीदते समय उस पर भी एक नजर जरूर डालें।
नाम ट्रांसफर जरूर कराएं
अगर आप पुरानी गाड़ी खरीद रहे हैं तो आपको गाड़ी तुरंत अपने नाम ट्रांसफर करा लेना चाहिए। अगर आपने यह काम नहीं किया तो गाड़ी RTO में पुराने मालिक के नाम ही रजिस्टर्ड रहेगी और यह बात आपको मुसीबत में डाल सकती है।
बीमा ट्रांसफर का भी रखें ध्यान
गाड़ी खरीदने के बाद 14 दिन के भीतर वाहन पॉलिसी नए वाहन मालिक के नाम पर ट्रांसफर हो जाना चाहिए। अगर गाड़ी बिकने के बाद इस पॉलिसी में नए वाहन मालिक का नाम नहीं है तो यह कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो जाता है और नए मालिक को वाहन बीमा का लाभ नहीं मिल पाता।