मोदी के शपथ ग्रहण के बाद इन राज्यों में फिर बन सकती है भाजपा की सरकार, ये हैं समीकरण

नई दिल्ली-न्यूज टुडे नेटवर्क । कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। देश के तीन बड़े राज्यों कर्नाटक, मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस सरकार को लेकर अटकलों का बाजार गरम है। कहा जा रहा है कि केंद्र मोदी सरकार के शपथ लेते ही इन तीन राज्य सरकारों की उल्टी गिनती
 | 
मोदी के शपथ ग्रहण के बाद इन राज्यों में फिर बन सकती है भाजपा की सरकार, ये हैं समीकरण

नई दिल्ली-न्यूज टुडे नेटवर्क । कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। देश के तीन बड़े राज्यों कर्नाटक, मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस सरकार को लेकर अटकलों का बाजार गरम है। कहा जा रहा है कि केंद्र मोदी सरकार के शपथ लेते ही इन तीन राज्य सरकारों की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी। मध्यप्रदेश में जहां विधायकों की खरीद- फरोख्त की खबरें सामने आ रही है तो राजस्थान में हार के बाद कांग्रेस के अंदर की गुटबाजी अब खुलकर सतह पर आ गई है, वहीं कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन वाली सरकार में कांग्रेस विधायकों के बीजेपी के संपर्क में आने के बाद अब भाजपा ने नए सिरे से चुनाव कराने की मांग कर दी है।

मोदी के शपथ ग्रहण के बाद इन राज्यों में फिर बन सकती है भाजपा की सरकार, ये हैं समीकरण

कर्नाटक में सियासी नाटक

कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन वाली सरकार पर भी तलवार लटक रही है। कर्नाटक की 225 विधानसभा सीटों में बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78, जेडीएस को 37, बसपा को 1, केपीजेपी को 1 और अन्य को 2 सीटों पर जीत मिली थी. इस तरह से किसी भी पार्टी को बहुमत का आंकड़ा नहीं मिला था। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कई नाराज कांग्रेस विधायक खुलकर सामने आ गए हैं। कांग्रेस विधायक रमेश जारकीहोली और के सुधकार के पिछले दिनों भाजपा नेता से मिलने के बाद सियासी पारा एकदम से चढ़ गया। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक भाजपा कांग्रेस खेमे के 10 विधायकों को अपने ओर करने की कोशिश में हैं। इस बीच कांग्रेस नेता केएन राजण्णा ने भविष्यवाणी कर दी है कि मोदी के शपथ लेते ही राज्य सरकार गिर जाएगी।

अगर कर्नाटक विधानसभा के सियासी गणित की बात करें तो 225 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 105 विधायक, कांग्रेस के 79 विधायक और जेडीएस के 37 विधायक हैं। इसके अलावा बसपा का एक और निर्दलीय विधायकों की संख्या 2 है। ऐसे में कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने राज्य में विधानसभा भंग कर चुनाव कराने की मांग कर दी है।

मध्यप्रदेश में विधायकों की खरीद-फरोख्त

केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद सबसे अधिक चर्चा मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के भविष्य को लेकर है। निर्दलीय और बसपा-सपा सर्मथन पर टिकी कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की खबरें आए दिन सुर्खियों में आ रही हैं। कांग्रेस को समर्थन देने वाली बसपा विधायक ने आरोप लगाया कि भाजपा ने सरकार गिराने के लिए 50 करोड़ और मंत्री पद का ऑफर दिया है।

मोदी के शपथ ग्रहण के बाद इन राज्यों में फिर बन सकती है भाजपा की सरकार, ये हैं समीकरण

राज्य की 231 सीटों में से कांग्रेस को 114, बीजेपी को 109, बसपा को 2 , सपा के 1 और निर्दलीय 4 जीतने में कामयाब रहे हैं। इस तरह से देखें तो कांग्रेस और बीजेपी के बीच महज चार सीट का फर्क है। कांग्रेस की सबसे ज्यादा सीटें होने के कारण कमलनाथ ने चार निर्दलीय, दो बसपा के और एक सपा के विधायक के समर्थन से सत्ता पर विराजमान हैं और मुख्यमंत्री सभी 121 विधायकों को अपने साथ करके अघोषित रूप से अपना शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती बहुमत बनाए रखने की है।

राजस्थान में गुटबाजी और बसपा का मोहभंग

लोकसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस को मिली बुरी हार के बाद एक बार फिर गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की पुत्र मोह वाली टिप्पणी के बाद सूबे की सियासत में मानों भूचाल आ गया है। एक ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली में सफाई दे रहे हैं तो दूसरी ओर उनके कैबिनेट के सीनियर मंत्री लालचंद कटारिया के इस्तीफे देने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल है।

मोदी के शपथ ग्रहण के बाद इन राज्यों में फिर बन सकती है भाजपा की सरकार, ये हैं समीकरण

इस बीच सरकार को समर्थन दे रहे 6 बसपा विधायकों के भी सरकार से मोहभंग होने की खबरें समाने आ रही है, वहीं खाद्य मंत्री रमेश मीणा अपने ही सरकार के कामकाज पर सार्वजनिक रूप से सवाल उठा रहे हैं। राजस्थान के सियासी समीकरण के बात करें तो कांग्रेस के पास विधायकों की संख्या 100 है, वहीं उसे निर्दलीय 12 विधायकों, बसपा के 6 और आरएलडी के एक विधायक का सर्मथन मिला है। भाजपा के पास खुद के 73 विधायक हैं।