कोरोना के बाद अब पक्षियों से फैलने वाले दूसरे वायरस की दस्तक, जानिए क्या है हकीकत

न्यूज टुडे नेटवर्क। कोरोना की दहशत के बीच बर्ड फ़्लू के अंदेशे ने एक बार फिर दहशत बढ़ा दी है। बर्ड फ़्लू पक्षियों में पाया जाता है। अभी तक अकेले हरियाणा में चार लाख से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो चुकी है। कई राज्यों में बर्ड फ़्लू के खौफ के चलते पक्षियों को मारना
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कोरोना के बाद अब पक्षियों से फैलने वाले दूसरे वायरस की दस्तक, जानिए क्या है हकीकत

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। कोरोना की दहशत के बीच बर्ड फ़्लू के अंदेशे ने एक बार फिर दहशत बढ़ा दी है। बर्ड फ़्लू पक्षियों में पाया जाता है। अभी तक अकेले हरियाणा में चार लाख से अधिक पोल्‍ट्री पक्षियों की मौत हो चुकी है। कई राज्‍यों में बर्ड फ़्लू के खौफ के चलते पक्षियों को मारना भी शुरू कर दिया गया है। इस वक्‍त गुजरात, बिहार, मध्‍यप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल और राजस्‍थान में बर्ड फ़्लू का कहर है। इनमें से कई राज्‍यों में कौओं और मुर्गों की बड़ी संख्‍या में एक साथ मौत हो गई। विशेषज्ञों के परीक्षण में मृत पक्षियों में बर्ड फ़्लू का संक्रमण पाया गया है। उधर केरल में मुर्गों और बत्‍तखों को मारने का अभियान चलाया गया है।

देश भर में बर्डफ़्लू का एलर्ट जारी किया गया है। हिमाचल और राजस्‍थान समेत मध्‍यप्रदेश ने भी बर्ड फ़्लू को लेकर रिपोर्ट जारी कर दी है। इसके बाद जम्‍मू कश्‍मीर में घोषित किया गया है। कर्नाटक सरकार ने महाराष्‍ट्र से सटी राज्‍य की सीमाओं की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि अभी तक महाराष्‍ट्र में बर्डफ़्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है।

उधर केरल में इस फ़्लू को लेकर मुर्गों और बत्‍तखों को मारने का अभियान चलाया जा रहा है। केरल के अलप्‍पुझा और कोट्टायम के प्रभावित इलाकों से भोपाल की प्रयोग शाला में नमूने भेजे गए थे जहां बर्ड फ़्लू की पुष्टि के बाद अब पक्षियों को मारने का अभियान शुरू कर दिया गया है। अफसरों ने बताया कि अकेले करुवत्ता पंचायत क्षेत्र में ही करीब 12 हजार पक्षियों को मारने का लक्ष्‍य है।

अलप्पुझा जिले के जिलाधिकारी ने कुट्टनाड और कार्थिकपल्ली तालुकाओं में मुर्गी और बत्तख समेत अन्य घरेलू पक्षियों के मांस, अंडों आदि की बिक्री और कारोबार पर रोक लगा दी है।

मध्य प्रदेश के इन्दौर में बीते 29 दिसंबर को ही बर्ड फ़्लू ने दस्‍तक दे दी थी। जब रेसीडेंसी क्षेत्र के डेली कॉलेज परिसर में करीब 50 कौए मृत पाए गए तो बर्ड फ़्लू की आशंका के चलते इनके नमूने प्रयोग शाला में भेजे गए। जांच में मृत पक्षियों में बर्ड फ़्लू की पुष्टि हुई। इनकी मौत भी बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस से हुई है।

बताया जा रहा है कि रेसीडेंसी क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षणों वाले मरीजों को खोजने के लिए सर्वेक्षण जारी है, लेकिन अब तक किसी भी मनुष्य में बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस का संक्रमण नहीं मिला है।

हिमाचल प्रदेश में भी सतर्कता बरतते हुए पक्षियों के संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने प्रभावी कदम उठाना शुरू कर दिए हैं। जांच के लिए कांगड़ा जिले के पोंग डैम अभ्‍यारण्‍य एरिया में सर्वेक्षण किया गया। यहां मृत प्रवासी पक्षियों में एच5एन8 वायरस पाया गया था। हिमाचल के पशुपालन विभाग के अफसरों के अनुसार अबतक 2700 प्रवासी पक्षी मृत मिले हैं। उनके नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।

बर्ड फ़्लू की आशंका को देखते हुए जम्‍मू कश्‍मीर ने एलर्ट जारी कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों ने बताया कि पशुपालन एवं वन्यजीव विभाग के संयुक्त दलों ने जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर स्थित घराना वेटलैंड (आर्द्रभूमि) का दौरा किया और जांच के वास्ते 25 पक्षियों के नमूने एकत्र किए ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं कोई पक्षी घातक वायरस की चपेट में तो नहीं है?

राजस्थान के अफसरों के अनुसार कोटा और बांरा जिलों के पक्षियों के नमूनों के जांच परिणामों में भी एवियन इंफ्लूएंजा पाया गया है। राज्य के तीन जिलों–झालावाड़, कोटा और बारां– में एवियन इंफ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) संक्रमण मिला है। राजस्थान के 33 जिलों में से 16 जिलों में अब तक पक्षियों की मौत का आंकड़ा 625 पहुंच गया। 11 जिलों के 86 नमूनों को जांच के लिये भेजा गया है।