आरोप: राहुल गांधी ने कहा- प्रधानमंत्री ने भारत की पवित्र जमीन चीन को दे दी

न्यूज टुडे नेटवर्क। कांग्रेस नेता और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री पर चीन को जमीन देने का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत माता का एक टुकड़ा चीन को दे दिया। चीन सीमा विवाद को
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आरोप: राहुल गांधी ने कहा- प्रधानमंत्री ने भारत की पवित्र जमीन चीन को दे दी

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। कांग्रेस नेता और पार्टी के पूर्व राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने केन्‍द्र सरकार पर निशाना साधते हुए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री पर चीन को जमीन देने का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत माता का एक टुकड़ा चीन को दे दिया।

चीन सीमा विवाद को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए बड़ा बयान दिया है। राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में यह कहा, उन्‍होंने अपने ट्वीट में लिखा कि प्रधानमंत्री ने भारत माता का एक टुकड़ा चीन को दे दिया। संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने सीधे तौर पर यह आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री चीन के सामने झुक गए और उन्होंने सैनिकों की शहादत के साथ विश्वासघात किया।

राहुल गांधी ने कहा कि कल रक्षा मंत्री ने दोनों सदनों में बयान दिया। अभी भी कई चीजें ऐसी हैं जिन्हें स्पष्ट नहीं किया गया। उन्हें स्पष्ट रूप से देश के सामने उन विषयों को रखने की जरूरत है। कहा कि पहली बात यह है कि इस गतिरोध के शुरुआत से ही भारत का यह रुख रहा है कि अप्रैल 2020 से पहले की यथास्थिति बहाल होनी चाहिए। राहुल ने कहा कि रक्षा मंत्री के बयान से स्पष्ट होता है कि यहां कि हम फिगर 4 से फिगर 3 पर आ गए।

राहुल गांधी ने सीधे तौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने भारतीय सीमा चीन को क्यों दी। इसका जवाब प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को ही देना है। देपसांग इलाके में चीन हमारी सीमा के अंदर आया है। इस बारे में रक्षा मंत्री ने एक भी शब्द नहीं बोला ,उन्होंने दावा करते हुए कहा- सच्चाई यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की पवित्र जमीन चीन को दे दी।

उन्होंने भारत माता का एक टुकड़ा चीन को दे दिया। गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों को बताया कि चीन के साथ पैंगोंग झील के उत्तर एवं दक्षिण किनारों पर से सेनाओं के पीछे हटने को लेकर समझौता हो गया है और भारत ने इस बातचीत में कुछ भी नहीं खोया है।