9 वें दौर की वार्ता: कृषि कानूनों को लागू करने का हक राज्यों को देने का प्रस्ताव ला सकती है सरकार

न्यूज टुडे नेटवर्क। किसान आंदोलन के बीच आज फिर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध खत्म करने के लिए वार्ता होगी। कुछ देर पहले ही किसान नेता दिल्ली के विज्ञान भवन पहुंच चुके हैं। वार्ता के लिए किसानों का रूख साफ है किसान शुरू से ही कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे
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9 वें दौर की वार्ता: कृषि कानूनों को लागू करने का हक राज्यों को देने का प्रस्ताव ला सकती है सरकार

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। किसान आंदोलन के बीच आज फिर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध खत्‍म करने के लिए वार्ता होगी। कुछ देर पहले ही किसान नेता दिल्‍ली के विज्ञान भवन पहुंच चुके हैं। वार्ता के लिए किसानों का रूख साफ है किसान शुरू से ही कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। किसानों ने कहा है कि MSP पर सरकार अलग से कानून बनाए। बताया जा रहा है कि सरकार आज वार्ता में कृषि कानूनों को लागू करने का फैसला राज्‍य सरकारों पर छोड़ने का प्रस्‍ताव भी रख सकती है।

गौरतलब है कि किसान आंदोलन का आज 44वां दिन है। किसान और सरकार के बीच आज 9वें दौर की मीटिंग होगी। पहले भी सरकार और किसानों के बीच आठ दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निेकल सका है। उम्‍मीद है कि सरकार आज कृषि कानूनों को लागू करने का फैसला राज्‍य सरकारों पर छोड़ने का प्रस्‍ताव वार्ता में ला सकती है।

कल गुरूवार को ही डेरा नानकसर के मुखी बाबा लक्खा सिंह ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से एक मीडिएटर (मध्यस्थ) के तौर पर मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने बाबा लक्खा सिंह को बताया कि सरकार अब एक प्रस्ताव तैयार कर रही है, जिसमें राज्य सरकारों को कृषि कानून लागू करने या न करने की छूट दी जाएगी। चर्चा है कि आज की बैठक में केंद्र सरकार किसानों के सामने इस प्रस्ताव का खुलासा कर सकती है। अगर किसान इस पर सहमति जताते हैं तो आंदोलन खत्म होने की संभावना बन जाएगी।

कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि जब कानूनों के हर क्लॉज पर बात होगी तो समाधान निकलेगा। सरकार कानूनों में बदलाव के लिए तैयार है। हमें नतीजा निकलने की उम्मीद है। किसानों ने कहा कि क्लॉज वाइज बात करने की कोई गुंजाइश नहीं है। आज की मीटिंग में सरकार को कानून वापस लेने की बात करनी चाहिए।