900 करोड़ की लागत से स्थापित होगा सुपर कंप्यूटर, सात दिन पहले ही प्राकृतिक आपदाओं की देगा जानकारी

नोएडा, 25 मई (आईएएनएस)। नोएडा के सेक्टर-62 स्थित राष्ट्रीय माध्यम अवधि मौसम पूवार्नुमान केंद्र ( एनसीएमआरडब्ल्यूएफ) में 900 करोड़ की लागत से एडवांस तकनीक से लैस सुपर कंप्यूटर को स्थापित किया जाएगा। यह सुपर कंप्यूटर अभी के सिस्टम से 11.2 पेटा फ्लोप तक मौसम के पूवार्नुमान की सटीक जानकारी देगा। इस सिस्टम से देश दुनिया में हिमपात, चक्रवात जैसी तमाम प्राकृतिक आपदाओं का पूवार्नुमान सात दिन पहले ही लगाया जा सकता है।
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नोएडा, 25 मई (आईएएनएस)। नोएडा के सेक्टर-62 स्थित राष्ट्रीय माध्यम अवधि मौसम पूवार्नुमान केंद्र ( एनसीएमआरडब्ल्यूएफ) में 900 करोड़ की लागत से एडवांस तकनीक से लैस सुपर कंप्यूटर को स्थापित किया जाएगा। यह सुपर कंप्यूटर अभी के सिस्टम से 11.2 पेटा फ्लोप तक मौसम के पूवार्नुमान की सटीक जानकारी देगा। इस सिस्टम से देश दुनिया में हिमपात, चक्रवात जैसी तमाम प्राकृतिक आपदाओं का पूवार्नुमान सात दिन पहले ही लगाया जा सकता है।

बुधवार को दोपहर तीन बजे सेक्टर-62 राष्ट्रीय माध्यम अवधि मौसम पूवार्नुमान केंद्र पहुंचे केंद्रीय मंत्री, पहले संस्थान में मौजूद तकनीक की कार्यप्रणाली से रुबरू हुए। इसके बाद उन्होंने मौसम वैज्ञानिकों के साथ बैठक की और मौसम के पूवार्नुमान से जुड़ी जानकारी के बारे में चर्चा की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान में संस्थान में 6.8 पेटा फ्लोप का सुपर कंप्यूटर स्थापित है, जो नया सुपर कंप्यूटर स्थापित होने जा रहा है, उसकी क्षमता 18 पेटा फ्लोप होगी। इससे मौसम पूवार्नुमान की सटीक जानकारी मिलेगी। सुपर कंप्यूटर के नाम की घोषणा पीएम करेंगे। इस दौरान बैठक में पृथ्वी विज्ञान के प्रमुख सचिव समेत कई राष्ट्रीय केंद्रों के मौसम वैज्ञानिक शामिल हुए।

सुपर कंप्यूटर में सामान्य कम्प्यूटरों की तुलना में उच्च स्तरीय कैलकुलेशन की जा सकती है। सामान्य कंप्यूटर प्रति सेकेंड 10 लाख निर्देशों की प्रोसेसिंग कर सकता है, लेकिन सुपर कंप्यूटर की कार्य क्षमता नोटिंग प्वांइट आपरेशन प्रति सेकेंड से मापी जाती है। नोटिंग प्वांइट काफी लंबी संख्या का संकेतीकरण है, इससे उन्हें आसानी से संचारित किया जा सके। ये एक समय में कई काम कर सकता है।

इसमें क्वांटम यांत्रिकी, मौसम का पूवार्नुमान, जलवायु पर अनुसंधान, तेल तथा प्राकृतिक गैस अन्वेषण, विमान तथा अंतरिक्षयान के लिए वायु गति विज्ञान, परमाणु हथियारों के विस्फोट एवं विलय जैसे कार्य होंगे।

--आईएएनएस

पीकेटी/सीबीटी

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