22 दिसंबर को राम वन गमन पर्यटन परिपथ का निर्माण व माता कौशल्या मंदिर का जीर्णोद्वार करेंगे मुख्यमंत्री

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 22 दिसम्बर को सुबह 11 बजे माता कौशल्या मंदिर परिसर चंदखुरी में राम वनगमन पर्यटन परिपथ निर्माण के साथ ही माता कौशल्या मंदिर परिसर में जीर्णोद्धार कार्य का शुभारंभ करेंगे। यह दुनिया का एक मात्र कौशल्या माता मंदिर है, इसमें भगवान राम बाल रुप में मां की गोद में दिखाए
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22 दिसंबर को राम वन गमन पर्यटन परिपथ का निर्माण व माता कौशल्या मंदिर का जीर्णोद्वार करेंगे मुख्यमंत्री

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 22 दिसम्बर को सुबह 11 बजे माता कौशल्या मंदिर परिसर चंदखुरी में राम वनगमन पर्यटन परिपथ निर्माण के साथ ही माता कौशल्या मंदिर परिसर में जीर्णोद्धार कार्य का शुभारंभ करेंगे। यह दुनिया का एक मात्र कौशल्या माता मंदिर है, इसमें भगवान राम बाल रुप में मां की गोद में दिखाए गए हैं. चंदखुरी मंदिर का नव निर्माण लगभग 5 करोड रुपए की लागत से हो रहा है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, रायपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष शारदा देवी वर्मा, जनपद पंचायत आरंग के अध्यक्ष दिनेश ठाकुर, ग्राम पंचायत चंदखुरी की सरपंच इंदु शर्मा और कौशल्या माता समिति के अध्यक्ष देवेन्द्र वर्मा उपस्थित रहेंगे।

22 दिसंबर को राम वन गमन पर्यटन परिपथ का निर्माण व माता कौशल्या मंदिर का जीर्णोद्वार करेंगे मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पर्यटन परिपथ निर्माण की घोषणा की थी। जिसके तहत छत्तीसगढ़ सरकार राम वन गमन पथ पर पडऩे वाले महत्वपूर्ण स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है। राम वन गमन पर्यटन परिपथ का निर्माण लगभग 100 करोड रुपए की लागत से हो रहा है। प्रथम चरण के लिए 8 स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास के लिए चयन किया है। इसमें सीतामड़ी हरचौका, रामगढ, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा के सप्तऋषि आश्रम, जगदलपुर और सुकमा जिले के रामाराम को पर्यटन विभाग, पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित होगा।

 

22 दिसंबर को राम वन गमन पर्यटन परिपथ का निर्माण व माता कौशल्या मंदिर का जीर्णोद्वार करेंगे मुख्यमंत्री

ऐसी होगी व्यवस्था

गौरतलब है कि प्रभु श्रीराम के द्वारा अपने वनवास काल के 14 वर्षों में से लगभग 10 वर्ष से अधिक का समय छत्तीसगढ़ में व्यतीत किया गया था। प्रभु श्रीराम ने छत्तीसगढ़ में वनगमन के दौरान लगभग 75 स्थलों का भ्रमण किया। जिसमें से 51 स्थल ऐसे हैं, जहां प्रभु राम ने भ्रमण के दौरान रुककर कुछ समय व्यतीत किया था। राम वनगमन स्थलों में से प्रथम चरण इनमें से 8 स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास हेतु चयन किया गया है। इस जगहों पर पहुंच मार्ग का उन्नयन, साईनजेस, पर्यटक सुविधा केन्द्र, इंटरप्रिटेशन सेंटर, वैदिक विलेज, पगोडा, वेटिंग शेड, मूलभूत सुविधा (पेयजल व्यवस्था, शौचालय), सीटिंग बेंच, रेस्टोरेंट, वाटर फ्रंट डेव्हलपमेंट, विद्युतीकरण आदि कार्य कराए जाएंगे।