देहरादून- इस पेड़ के पत्तों से तैयार होंगे 143 आइटम, बेरोजगारों के चेहरे खिले

देहरादून-न्यूज टुडे नेटवर्क-मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि केन्द्र सरकार ने पिरूल को मनरेगा से जोडऩे की सैद्धान्तिक सहमति प्रदान कर दी है। उत्तराखण्ड को यह प्रोजेक्ट के रूप में उपलब्ध होगा। राज्य में अब पिरूल बेरोजगारी दूर करने तथा आय के संसाधनों में वृद्धि में भी मददगार होगा। इससे 143 प्रकार के आइटम
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देहरादून- इस पेड़ के पत्तों से तैयार होंगे 143 आइटम, बेरोजगारों के चेहरे खिले

देहरादून-न्यूज टुडे नेटवर्क-मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि केन्द्र सरकार ने पिरूल को मनरेगा से जोडऩे की सैद्धान्तिक सहमति प्रदान कर दी है। उत्तराखण्ड को यह प्रोजेक्ट के रूप में उपलब्ध होगा। राज्य में अब पिरूल बेरोजगारी दूर करने तथा आय के संसाधनों में वृद्धि में भी मददगार होगा। इससे 143 प्रकार के आइटम तैयार किये जा सकते है। सहकारिता से भी इससे संबंधित योजनाओं को जोड़ा जायेगा। देर सांय मुख्यमंत्री आवास में जिला सहकारी बैंको एवं भेषज संघो के नव निर्वाचित अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं संचालकगणों के स्वागत समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिरूल हमारी आर्थिकी मजबूती का प्रमुख आधार बन सकता है।

देहरादून- इस पेड़ के पत्तों से तैयार होंगे 143 आइटम, बेरोजगारों के चेहरे खिले

पिरूल से दूर होगी बेरोजगारी-सीएम

उन्होंने कुछ दिन पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से पिरूल एकत्रीकरण कार्य को मनरेगा से जोडऩे का अनुरोध किया था। अब केन्द्र सरकार द्वारा इसकी सैद्धान्तिक सहमति प्रदान कर दी है। यह राज्य के लिये बेरोजगारी को दूर करने, आय के साधन बढ़ाने में भी गेम चेन्जर साबित होगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण जनजीवन में बदलाव लाने के साथ ही ग्रामीण आर्थिकी को मजबूती के लिये सहकारिता एक बड़ा माध्यम है। स्वरोजगार के लिये विभिन्न रोजगार परक कार्यक्रमों के लिये अधिक से अधिक धनराशि उपलब्ध कराने के प्रयास किये जाय। ब्याज की कम दर होने से यह समाज में बदलाव का भी माध्यम बन सकता है। इसके लिये सहकारिता से जुड़े लोगों को आम आदमी के पास जाना होगा। उसे अपने साथ जोडऩा होगा।

देहरादून- इस पेड़ के पत्तों से तैयार होंगे 143 आइटम, बेरोजगारों के चेहरे खिले

आम आदमी तक पहुंचानी होगी योजना की जानकारी

योजनाओं की जानकारी आम आदमी तक पहुंचानी होगी। सहकारिता से जुड़े लोग को-ऑपरेटिव द्वारा पं. दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता ऋण योजना के तहत ऋण लेने वालों की स्थिति का भी जायजा लिया जाय कि क्या उन्हें इससे कितना फायदा हुआ। इससे अधिक से अधिक लोग इसके प्रति आकर्षित होंगे तथा अधिक से अधिक लोगों को इसका फायदा मिल सकेगा। इस योजना के तहत अब तक तीन लाख लोगों को ऋण दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ट्राउट मछली पालन, अंगूरा ऊन के कलस्टर तैयार किये जाय। यह भी अर्थिकी को मजबूती प्रदान करेगा। इस प्रकार सहकारिता सबका साथ सबका विकास के विचार को साकार करने में भी मददगार साबित हो सकेगी।