हत्‍यारोपियों की धमकी से परेशान होकर छोड़ दिया गांव

जमानत पर आए हत्यारोपियों की धमकी से परेशान (Worried) होकर दो परिवारों के 22 सदस्यों ने गांव छोड़ दिया। इसके अलावा और भी गांव छोड़ने को मजबूर (Helpless) हैं। वहीं इसकी जानकारी जब स्थानीय पुलिस से ली गई तो उन्होंने पलायन की जानकारी से इनकार कर दिया है। बिशारतगंज के दशीपुर गांव निवासी विक्रम सिंह
 | 
हत्‍यारोपियों की धमकी से परेशान होकर छोड़ दिया गांव

जमानत पर आए हत्यारोपियों की धमकी से परेशान (Worried) होकर दो परिवारों के 22 सदस्यों ने गांव छोड़ दिया। इसके अलावा और भी गांव छोड़ने को मजबूर (Helpless) हैं। वहीं इसकी जानकारी जब स्थानीय पुलिस से ली गई तो उन्होंने पलायन की जानकारी से इनकार कर दिया है।
हत्‍यारोपियों की धमकी से परेशान होकर छोड़ दिया गांवबिशारतगंज के दशीपुर गांव निवासी विक्रम सिंह यादव का बेटा दीपक पिछले साल होली पर लापता हो गया था। उसके 2 दिन बाद 23 मार्च को खेतों में उसका शव (Dead body) मिला था। विक्रम सिंह ने जिसकी तहरीर अज्ञात लोगों के खिलाफ थाने में दी। उसके अगले ही दिन विक्रम सिंह ने गांव के ही कुलदीप, बिजनेस और तेजपाल, एक अन्य पर दीपक की हत्या का आरोप लगाकर मुकदमा (Court case) दर्ज कराया था। जिसके लिए कुलदीप व बिजनेस को जेल भेज दिया गया। इसके बाद अन्‍य दो आरोपी नंदन और सत्यवीर ने आत्मसमर्पण (Surrender) किया था।

जमानत पर छूटे आरोपियों (Accused) से परेशान होकर गांव छोड़ने का मामला उच्च अधिकारियों (Officers) के पास पहुंच गया है। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि हत्यारोपियों ने उन पर समझौता कराने का दबाव बनाया। इसके साथ ही पीड़ित परिवार का यह भी कहना है कि आरोपियों ने उनके साथ मारपीट (Beating) भी की और यह भी कहा कि उन्हें जेल तो जाना ही है एक और हत्या कर के ही जाएंगे। धमकियों से परेशान होकर दोनों भाइयों के परिवार के 22 सदस्य सारे सामान और पशु लेकर गांव छोड़कर चले गए। इस बारे में जानकारी से पुलिस ने मना किया है।

विक्रम सिंह का आरोप है कि पुलिस आरोपियों से मिल चुकी है। इसके साथ ही पुलिस ने उन पर उल्‍टा मुकदमा करने को लेकर रुपए भी लिए हैं। बिशारतगंज थाना प्रभारी राजेश कुमार सिंह ने कहा दशीपुर गांव से पलायन की कोई जानकारी नहीं मिली है। उनका कहना है कि गांव छोड़ने से पहले पीड़ितों (Victims) को थाने में बताना चाहिए था।

गवाह को भी दी धमकी

हत्‍याकांड के गवाह राकेश इसी गांव के निवासी हैं। सीओ जब गांव गए तो राकेश ने बताया कि आरोपी उन्‍हें धमकाकर समझौते का दबाव बना रहे हैं। यदि वे गवाही देने गए तो उन्‍हें जान से हाथ धोना पड़ेगा। राकेश के साथ-साथ उनके ही कुनबे के रनबहादुर, नन्‍हें, अम्‍बरीश और अवधेश को भी गांव छोड़ने की धमकी दी है। इसकी शिकायत जब पुलिस से की तो पुलिस ने अनदेखा कर दिया। इन पांचो परिवारों में करीब 40 लोग रहते हैं।