संपत्ति के बैनामे के लिए अब नहीं होगी इसकी जरूरत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिया निर्णय

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने संपत्ति के बैनामे को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके अनुसार गैर पंजीकृत पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney) धारक व्यक्ति उतना ही अधिकृत है जितना पंजीकृत पावर ऑफ अटॉर्नी धारक होता है। अगर उस पर किसी भी प्रकार के फ्रॉड (Fraud)क रने का आरोप साबित नहीं है,
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संपत्ति के बैनामे के लिए अब नहीं होगी इसकी जरूरत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिया निर्णय

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने संपत्ति के बैनामे को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके अनुसार गैर पंजीकृत पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney) धारक व्यक्ति उतना ही अधिकृत है जितना पंजीकृत पावर ऑफ अटॉर्नी धारक होता है। अगर उस पर किसी भी प्रकार के फ्रॉड (Fraud)क रने का आरोप साबित नहीं है, तो पावर ऑफ अटॉर्नी का पंजीकृत न होना बैनामे की राह का रोड़ा नहीं बनेगा।
संपत्ति के बैनामे के लिए अब नहीं होगी इसकी जरूरत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिया निर्णयकोर्ट के अनुसार संपत्ति (Property) का बैनामा कराते समय भूमि मालिक द्वारा दस्तावेज प्रस्तुत किया जाना चाहिए। दस्तावेज (Document) पावर ऑफ अटॉर्नी रखने वाले व्यक्ति भी भूमि स्वामी के एजेंट के तौर पर प्रस्तुत कर सकते हैं। हाई कोर्ट ने यह आदेश बरेली के रविंद्र कुमार की याचिका पर दिया है।