रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बच्चे को न दें डिब्बा बंद दूध, जानें क्‍या है वजह

चिकित्सकों के अनुसार कोरोना वायरस की महामारी से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ाना बहुत जरूरी है। वहीं दो वर्ष तक के बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मां का दूध सबसे उत्तम है। इस दौरान बच्चों को डिब्बा बंद दूध या कृत्रिम आहार (Canned milk or artificial food) ना दें।
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रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बच्चे को न दें डिब्बा बंद दूध, जानें क्‍या है वजह

चिकित्सकों के अनुसार कोरोना वायरस की महामारी से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ाना बहुत जरूरी है। वहीं दो वर्ष तक के बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मां का दूध सबसे उत्तम है। इस दौरान बच्चों को डिब्बा बंद दूध या कृत्रिम आहार (Canned milk or artificial food) ना दें। लॉक डाउन के दौरान कुछ समाज सेवी संस्थाएं जो राहत का कार्य कर रही हैं वह कुछ जगहों पर डिब्बा बंद दूध और कृत्रिम आहारवितरण कर रही हैं। मुख्यालय के आदेश के बाद से डिब्बा बंद दूध और कृत्रिम आहार के वितरण पर रोक लगा दी है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बच्चे को न दें डिब्बा बंद दूध, जानें क्‍या है वजहबाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के निदेशक शत्रुघ्न सिंह ने सूबे के सभी डीएम को पत्र लिखकर दो वर्ष की आयु तक के सभी बच्चों को डिब्बा बंद दूध देने पर पाबंदी (Restriction) लगाने के निर्देश दिए हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि मां का दूध बच्चे को स्वस्थ रखता है। उन्होंने बताया कि मां अपने नवजात बच्चे को डिब्बा बंद दूध या आहार बिना डॉक्टर की सलाह के न दें। बच्चे के जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान (breastfeeding) जरूर कराएं।

डिब्बाबंद दूध से नुकसान
मेरठ जिला महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आनंद प्रकाश ने बताया कि डिब्बा बंद दूध बहुत भारी होता है। इसे पीने से बच्चे को दस्त, सीने और कान में संक्रमण हो सकता है। कई बार यूरिन इन्फेक्शन (infection) का भी खतरा रहता है। इसके अलावा बच्चे में मोटापे की समस्या हो सकती है। उन्होंने बताया कि मां के दूध में बच्चे के विकास और स्वस्थ रखने के लिए सभी पोषक तत्व (Nutrients) मौजूद होते हैं।