रुद्रपुर: श्रमिक संगठन भी कूदेंगे किसान आंदोलन में
रुद्रपुर। महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस व संत रविदास की जयंती के अवसर पर श्रमिक संयुक्त मोर्चा ऊधमसिंह नगर व मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) के बैनर तले सिडकुल की ट्रेड यूनियनों , मजदूर संगठनों व सामाजिक संगठनों द्वारा शहर के अंबेडकर पार्क में मजदूर किसान एकता दिवस के रूप में मना कर सभा की । तीन कृषि कानूनों व चार श्रम संहिताओं को वापस लेने की मांग की ।
सभा में सर्वप्रथम महान क्रांतिकारियों, किसान आंदोलन में शहीद किसानों ,व दुर्घटनाओं में मारे गए मजदूरों को याद कर दो मिनट मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। सभा में वक्ताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार अंबानी अडानी सहित कारपोरेट पूंजी को फायदा पहुंचाने के लिए मजदूरों किसानों के खिलाफ काले कानून लेकर आई है । किसानों को गुलाम बनाने के लिए तीन कृषि कानून बनाए गए हैं तो मजदूरों को गुलाम बनाने के लिए 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को समाप्त कर चार श्रम संहिताएं बना दी गई हैं । इन कानूनों के लागू होने से देश का मजदूर व किसान आबादी पूंजीपतियों के गुलामों की स्थिति में आ जाएंगे । आज देश का किसान सरकार की तमाम बाधाओं घृणित चालों के बावजूद सड़कों पर है। संघर्ष के दौरान करीब ढाई सौ किसान शहीद हो चुके हैं । मोदी सरकार किसानों की मांग मानकर इन कानून को वापस लेने के स्थान पर आंदोलनरत किसानों को आंदोलनजीबी कहकर उनका मजाक उड़ा रही है। सिघुं बार्डर, टिकरी बार्डर, गाजीपुर बॉर्डर पर बाड़ेबंदी की गई है । कीले ठोंक दी गई हैं।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार के दमन कुप्रचार के बावजूद किसान आंदोलन आगे बढ़ रहा है। देश के मजदूर वर्ग को भी किसान आंदोलन के समर्थन के साथ साथ अपने ऊपर किए गए हमले चार श्रम संहिताओं के खिलाफ सड़कों पर उतरना होगा। वक्ताओं ने सभी मजदूरों को एक मार्च को रुद्रपुर में हो रही किसान महापंचायत में भारी संख्या में भागीदारी करने का आह्वान भी किया ।
सभा को इन्टरार्क मजदूर संगठन पंतनगर के दलजीत सिंह, गुजरात अम्बुजा सितारगंज के रामजीत सिंह , वोल्टास एंप्लाइज यूनियन के मनोज कुमार, माइक्रोमैक्स (भगवती ) श्रमिक संगठन के दीपक सनवाल, यजाकि वर्कर यूनियन के रविंदर, ऑटो टेक इंजीनियरिंग के भान किशोर , मजदूर सहयोग केंद्र के मुकुल , इंकलाबी मजदूर केंद्र के दिनेश , क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के शिवदेव सिंह, समता सैनिक दल के गोपाल सिंह गौतम, मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान ( मासा) के सुरेंद्र आदि ने संबोधित किया।