रुद्रपुर-मेडिकल सार्टिफिकेट के लिए रात भर लाइन में लगते हैं बेरोजगार

रुद्रपुर । कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौरान सिडकुल की फैक्ट्रियों में नौकरी पाने के लिए बेरोजगारों को पहले अपनी जान जोखिम में डालकर पूरी रात खुले आसमान के नीचे बितानी पड़ रही है, क्योंकि उन्हें एक अदद मेडिकल सार्टिफिकेट की दरकार होती है । कोरोना निगेटिव मेडिकल बनाने का जिम्मा ईएसआईसी को सौंपा गया
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रुद्रपुर-मेडिकल सार्टिफिकेट के लिए रात  भर लाइन में लगते हैं बेरोजगार

रुद्रपुर-मेडिकल सार्टिफिकेट के लिए रात  भर लाइन में लगते हैं बेरोजगाररुद्रपुर । कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौरान सिडकुल की फैक्ट्रियों में नौकरी पाने के लिए बेरोजगारों को पहले अपनी जान जोखिम में डालकर पूरी रात खुले आसमान के नीचे बितानी पड़ रही है, क्योंकि उन्हें एक अदद मेडिकल सार्टिफिकेट की दरकार होती है । कोरोना निगेटिव मेडिकल बनाने का जिम्मा ईएसआईसी को सौंपा गया है, जहाँ सार्टिफिकेट के लिए रात से ही लाइन लगती है । लाइन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है, लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है ।
दरअसल सिडकुल की फैक्ट्रियों में नौकरी के लिए मेडिकल सार्टिफिकेट को अनिवार्य कर दिया गया है । स्थिति यह है कि नौकरी पर जाने के लिए बड़ी संख्या में बेरोजगारों को यह सार्टिफिकेट चाहिए, लेकिन सार्टिफिकेट बनाने का समय सीमित है । लिहाजा रात आठ बजे से ही अस्पताल के बाहर लाइन लगनी शुरू हो जाती हैं, ताकि सुबह उनका नंबर आ सके। महिला व पुरुषों की अलग अलग लाइनें लगती हैं जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं, मगर देखने वाला कोई नहीं है । यहां बेरोजगारों के लिए पेयजल तक का इंतजाम नहीं है ।
जिला प्रशासन ने ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की है जिससे मजदूरों को आसानी से मेडिकल सार्टिफिकेट उपलब्ध हो सके । हमने लाइन में लगे मजदूरों से बात तो उन्होंने बताया कि वह 12 से 14 घंटे से लाइन में लगे हैं । मजदूरों की संख्या को देखते हुए न तो सार्टिफिकेट बनाने के लिए अतिरिक्त काउंटर खुलवाए गए हैं और न ही आन लाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है । यदि इस भीड़ में कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति हुआ तो उससे कितने लोग संक्रमित हो जाएंगे इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है ।