रुद्रपुर: बेदाग छवि के त्रिवेंद्र सिंह रावत हर अग्नि परीक्षा में उतारेंगे खरे: शिव अरोरा

रुद्रपुर। भाजपा जिलाध्यक्ष शिव अरोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत पर भ्रष्टाचार के आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं। जिलाध्यक्ष शिव अरोरा बृहस्पतिवार को पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम
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रुद्रपुर: बेदाग छवि के त्रिवेंद्र सिंह रावत हर अग्नि परीक्षा में उतारेंगे खरे: शिव अरोरा

रुद्रपुर। भाजपा जिलाध्यक्ष शिव अरोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत पर भ्रष्टाचार के आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं।
जिलाध्यक्ष शिव अरोरा बृहस्पतिवार को पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर हैरानी जताई है और अपनी टिप्पणी में कहा है कि ऐसा आदेश कैसे पारित हो सकता है। मुख्यमंत्री मामले में पक्षकार नहीं थे उनके खिलाफ जांच की कोई मांग भी नहीं थी। यह हैरान करने वाला आदेश है। सीबीआई जांच के हाई कोर्ट के आदेश पर इसीलिए रोक लगाई जाती है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की बेदाग छवि को दागदार बनाने के लिए कई बार पूर्व में भी प्रयास हो चुके हैं। कुछ लोगों को उनकी भ्रष्टाचारमुक्त कार्यशैली पसंद नहीं आ रही है। इसी लिए उन्हें बदनाम करने के लिए हर बार नये नये हथकण्डे अपनाये जाते रहे है।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कुर्सी संभालने के बाद से ही जीरा टोलरेंस की नीति पर काम करके भ्रष्टाचारियों पर नकेल डालने का काम किया है। मुख्यमंत्री रावत की कार्यशैली का ही परिणाम है कि पांच सौ करोड़ के एनएच 74 घोटाले के आरोपियों को जेल जाना पड़ा। बड़े से बड़े राजनेतिक पहुंच वाले भ्रष्ट अधिकारी को भी त्रिवेंद्र सरकार में कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। ऐसे निर्विवाद और स्वच्छ छवि वाले मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाना उनकी छवि को बदनाम करने की सोची समझी साजिश है।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की मजबूत होती पकड़ को देखते हुए कुछ लोग लम्बे समय से प्रदेश में राजनैतिक अस्थिरता का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत हर बार ऐसे कुचक्रों से बेदाग होकर निकले हैं। इस बार भी वह बेदाग होकर बाहर निकलेंगे।
जिलाध्यक्ष शिव अरोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को राजनीतिक चक्रव्यूह में फँसाने के लिए लिए दिल्ली से लेकर देहरादून तक उनके खिलाफ माहौल बनाने का नाकाम प्रयास हो रहा है। पिछले साढ़े तीन साल से मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को कुर्सी से हटाने के चौतरफा प्रयास हो चुके हैं। इसमें वो सभी लोग शामिल हैं जो उत्तराखड में भ्रष्टाचार पर लगे अंकुश से तिलमिलाए बैठे हैं । वो भी तब जबकि अब तक का साढ़े तीन वर्ष का मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र का कार्यकाल बेदाग होने के साथ ही तमाम उपलब्धियों से भरा रहा है। तलाशने पर भी उनके खिलाफ अवैध कारोबार, धन का दुरुपयोग और पैसे की वसूली का कोई मामला नहीं मिल रहा है। घुमा -फिराकर पांच साल पहले के एक मुद्दे को बार-बार नए तरीके से पेश कर उनकी घेराबंदी के कोशिशें की जाती हैं।
श्री अरोरा ने कहा कि 18 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही त्रिवेन्द्र ने भ्रष्टाचार को लेकर ‘जीरो टॉलरेन्स’ का कड़ा संदेश दिया था। एनएच घोटाला, ऊर्जा निगम में हुईं अनियमितता, जल निगम के एमडी पर कार्रवाई, पीडब्लूडी और सिंचाई विभाग के दर्जनों इंजीनियरों का निलंबन, न जाने ऐसे कितने उदाहरण हैं जिनसे त्रिवेन्द्र ने अपनी ईमानदार मुख्यमंत्री की छवि बनायी । प्रेस वार्ता में जिला मीडिया प्रभारी ललित मिगलानी भी उपस्थित थे।