रुद्रपुर कहां मिली 7 दिन की बच्ची किस अस्पताल ने किया भर्ती करने से इनकार कौन बना भगवान

रुद्रपुर से सहयोगी गगनदीप के साथ अर्जुन कुमार की रिपोर्ट एक बार फिर देवभूमि कलंकित हुई है जहां ऊधमसिंहनगर में एक बार फिर रिश्तो को शर्मशार करने बाला एक मामला सामने आया है। रुद्रपुर के रेलवे स्टेशन पर मात्र 7 दिन की नवजात बच्ची को उसी के अपनों ने कड़ाके की ठंड में छोड़ दिया
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रुद्रपुर कहां मिली 7 दिन की बच्ची किस अस्पताल ने किया भर्ती करने से इनकार कौन बना भगवान

रुद्रपुर से सहयोगी गगनदीप के साथ अर्जुन कुमार की रिपोर्ट

एक बार फिर देवभूमि कलंकित हुई है जहां ऊधमसिंहनगर में एक बार फिर रिश्तो को शर्मशार करने बाला एक मामला सामने आया है। रुद्रपुर के रेलवे स्टेशन पर मात्र 7 दिन की नवजात बच्ची को उसी के अपनों ने कड़ाके की ठंड में छोड़ दिया हैं। मामले को लेकर कई तरहं की चर्चाएं बनी हुई है कि लड़की ने जन्म लिया तब सायद उसके आपनो ने इस मासूम को बेघर कर दिया।

अमृत अस्पताल में भर्ती बच्ची

रुद्रपुर कहां मिली 7 दिन की बच्ची किस अस्पताल ने किया भर्ती करने से इनकार कौन बना भगवान

अब आपको बताते हैं इस बच्ची की कहानी- वह 26 जनवरी की रात जिस दिन एक नन्ही सी बच्ची को परिवार वालों ने घर से बेघर कर दिया – 26 जनवरी की रात को रुद्रपुर रेलवे स्टेशन पर दिल्ली जाने वाली ट्रेन अपने समय से रुद्रपुर स्टेशन पर पहुंची वहां पर एक व्यक्ति 7 दिन की बच्ची को गोद में लेकर रेल का इंतजार कर रहा था जैसे ही रेल स्टेशन पर रुकी तो उस व्यक्ति ने रेल मैं सवार यात्री से कहा कि जरा इस बच्ची को पकड़ी में ऊपर आता हूं जैसे ही यात्री ने इस बच्ची को गोद में लिया वैसे ही वह युवक बच्ची को यात्री की गोदी में छोड़ और भाग गया यात्री ने पूरी ट्रेन में सब से पूछा कि बच्ची किसकी है ट्रेन में उसके परिजन ना मिलने से यात्री हैरान रह गया ट्रेन स्टेशन से चलने लगी तभी उस यात्री ने ट्रेन की चेन खींचकर ट्रेन को रोक लिया और रेलवे विभाग को जानकारी दी और इस बच्ची को भी रेलवे विभाग को यात्री ने सौंप दिया रेलवे विभाग के अधिकारियों ने भी परिजनों की काफी खोजबीन की लेकिन ट्रेन में इस बच्ची का कोई भी परिवार का सदस्य मौजूद नहीं था रेलवे अधिकारियों ने ट्रेन को जाने का इशारा कर दिया ट्रेन तो दिल्ली के लिए रवाना हो गई अब यह बच्ची स्टेशन पर मौजूद अधिकारियों के पास थी

रुद्रपुर कहां मिली 7 दिन की बच्ची किस अस्पताल ने किया भर्ती करने से इनकार कौन बना भगवान

रुद्रपुर स्टेशन अधिकारियों ने लगभग रात 11:00 बजे इसकी सूचना समाजसेवी रजनीश बत्रा पूर्व जिला अध्यक्ष बाल कल्याण समिति को दी मौके पर पहुंचे रजनीश बत्रा ने बच्ची को अपनी गोद में ले लिया और रुद्रपुर रेलवे स्टेशन अधिकारियों अपनी कार्रवाई करने के बाद बच्ची को समाजसेवी रजनीश बत्रा को सौंप दिया रजनीश बत्रा ने रुद्रपुर कोतवाली के कोतबाल कैलाश भट्ट को पूरी घटना के बारे में बताया और कैलाश भट्ट भी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए कैलाश भट्ट ने समाजसेवी रजनीश बत्रा और बच्ची को जिला अस्पताल पहुंचाया रजनीश बत्रा के साथ जिलाअस्पताल में बच्ची को भर्ती कराने के लिए तीन कॉस्टेबल और एक लेडिस कॉस्टेबल को भेजा जिला अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने तो बच्ची को भर्ती करने की बात कही लेकिन स्टाफ ने कहा कि हम पहले आपको सीएमएस मतलब प्रमुख अधीक्षक से बात करके बताते हैं स्टाफ ने प्रमुख अधीक्षक को फोन लगाया और बच्ची के बारे में बताया स्टाफ ने समाजसेवी रजनीश बत्रा के हाथ में फोन थमा दिया उनसे प्रमुख अधीक्षक ने कहा कि यह कोई लावारिस बच्चों का अस्पताल नहीं है इतना कहकर फोन काट दिया रजनीश बत्रा ने बच्ची को अस्पताल में भर्ती करने के लिए काफी कोशिश की लेकिन प्रमुख अधीक्षक के मना करने के बाद जिला अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने 7 दिन की बच्ची को भर्ती नहीं किया रजनीश बत्रा यह सब सुन और देख कर हैरान रह गई कि आखिर सरकारी अस्पताल में नवजात बच्ची को क्यों भर्ती नहीं किया जा रहा है उन्होंने तत्काल रुद्रपुर के प्राइवेट अमृत अस्पताल के डॉक्टर को फोन किया और बच्ची के बारे में बताया तो अमृत अस्पताल के डॉक्टर ने तुरंत बच्ची को अस्पताल लाने के लिए कहा जैसे ही बच्ची अमृत अस्पताल लेकर पहुंचे तो अस्पताल के सभी डॉक्टर और नर्स बच्ची की देखभाल में लग गई पूरी रात और अगले दिन तक पूरा स्टाफ उस बच्ची की देखभाल में लगा रहा रजनीश बत्रा और अमृत अस्पताल के स्टाफ ने उस बच्ची का नाम भी रख दिया अंधेरे में मिली उजाली अब उस बच्ची का नाम उजाली है कहने के लिए तो अमृत अस्पताल प्राइवेट अस्पताल है लेकिन अमृत अस्पताल ने इस बच्ची का पूरा इलाज फ्री किया है अमृत अस्पताल के डॉक्टरों ने साबित कर दिया कि डॉक्टर भगवान होता है

रुद्रपुर कहां मिली 7 दिन की बच्ची किस अस्पताल ने किया भर्ती करने से इनकार कौन बना भगवान

अब बात करें जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जवाहरलाल नेहरू की तो उसमें कुछ डॉक्टरों में इंसानियत नहीं है 7 दिन की एक बच्ची को अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया एक समाजसेवी बच्ची को भर्ती करने के लिए डॉक्टरों के चक्कर लगाती रही लेकिन 7 दिन की बच्ची पर जिलाअस्पताल के प्रमुख अधीक्षक को तरस नहीं आया मजबूर होकर प्राइवेट अस्पताल में कराया भर्ती समाजसेवी रजनीश का आरोप है कि मेरे साथ रुद्रपुर पुलिस के तीन कॉस्टेबल और एक लेडीस कॉस्टेबल सात होने के बाद भी जिलाअस्पताल के प्रमुख अधीक्षक ने बच्ची को भर्ती नहीं किया और डॉक्टर से भर्ती न करने के लिए कह दिया और सरकारी अस्पताल में किसी भी तरह के इस बच्ची का रिकॉर्ड नहीं से चाइल्ड केयर अध्यक्ष  पुष्पा कांडपाल काफी नाराज दिखाई पड़ी

केयर अध्यक्ष पुष्पा कांडपाल

रुद्रपुर कहां मिली 7 दिन की बच्ची किस अस्पताल ने किया भर्ती करने से इनकार कौन बना भगवान

जब चाइल्ड केयर अध्यक्ष  पुष्पा कांडपाल अपनी टीम के साथ रुद्रपुर जिलाअस्पताल पहुंचे तो उन्होंने बच्ची के बारे में काफी पूछताछ की लेकिन जिलाअस्पताल से किसी भी तरह की जानकारी नहीं मिली काफी नाराज नजर आई चाइल्ड केयर अध्यक्ष पुष्पा कांडपाल का आरोप है कि जिले के सरकारी अस्पताल में बच्ची को आखिरकार क्यों भर्ती नहीं किया गया जब उस बच्ची के साथ में एक समाजसेवी और चार पुलिसकर्मी थे उसके बाद भी बच्ची को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया ऐसे में जिलाअस्पताल की बड़ी लापरवाही है

रजनीश बत्रा ने जिलाअस्पताल पर लगाया आरोप

रुद्रपुर कहां मिली 7 दिन की बच्ची किस अस्पताल ने किया भर्ती करने से इनकार कौन बना भगवान

जब हमारी न्यूज़ टुडे नेटवर्क की टीम ने प्रमुख अधीक्षक से बात की तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए हमारी टीम को बताया कि बच्ची को कोई लाया तो था लेकिन बच्ची के साथ में कोई एनजीओ या पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था इसलिए अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया

अमृत अस्पताल बच्ची को दुख देखते ही पुर अस्पताल बच्ची के साथ हुआ शामिल

रुद्रपुर कहां मिली 7 दिन की बच्ची किस अस्पताल ने किया भर्ती करने से इनकार कौन बना भगवान

प्रमुख अधीक्षक की बात सुनकर लगता है कि आब किसी की अगर मदद करनी है तो किसी एनजीओ या पुलिसकर्मी को सबसे पहले ढूंढना होगा

इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ा सहयोग रुद्रपुर कोतवाली पुलिस और समाजसेवी रजनीश बत्रा और अमृत अस्पताल और चाइल्ड केयर अध्यक्ष पुष्पा कांडपाल का है

इन सभी लोगों की मदद से अब वह बच्ची अमृत अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्ची को स्वास्थ्य कर और सभी जांचें करने के बाद डिस्चार्ज कर दिया है बच्ची को लेकर चाइल्ड केयर अध्यक्ष पुष्पा कांडपाल  रुद्रपुर से देहरादून पहुंचे देहरादून में इस बच्ची को शिशु सदन केदारपुरम देहरादून के सुपुर्द किया गया।  जहां इसकी देखभाल अच्छे से रखी जाएगी और पालन-पोषण भी वही किया जाएगा

रुद्रपुर कहां मिली 7 दिन की बच्ची किस अस्पताल ने किया भर्ती करने से इनकार कौन बना भगवान

कुछ बुद्धिजीवियों को हमारी बात बुरी लग सकती है लेकिन हमें बताना बहुत जरूरी है कि लिखो वही जो हो सही

चलिए अब बात करते हैं हमारे कुछ बुद्धिजीवियों की पूरी जानकारी बिना जुटाए कई बुद्धिजीवियों ने तो इस खबर को उल्टा ही कर डाला कुछ बुद्धिजीवियों ने लिखा है कि पुलिस ने बच्ची को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जहां बच्ची का इलाज चल रहा है और बच्ची जिला अस्पताल के डॉक्टरों की निगरानी में है और इलाज चल रहा है जोकि सरासर एक सफेद कागज की तरह झूठ है ह

हमारे न्यूज़ टुडे नेटवर्क की टीम इस बच्ची की पल-पल की खबर रख रही थी