राहुल गांधी कर रहे किसानों को गुमराह: ललित

रुद्रपुर। भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी एवं पूर्व पार्षद ललित मिगलानी ने सांसद राहुल गांधी के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आयेगी तो वह कृषि विधेयकों को कूड़े में डाल देंगे। मिगलानी ने जारी बयान में कहा कि राहुल का यह बयान लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विपरीत
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रुद्रपुर। भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी एवं पूर्व पार्षद ललित मिगलानी ने सांसद राहुल गांधी के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आयेगी तो वह कृषि विधेयकों को कूड़े में डाल देंगे।
मिगलानी ने जारी बयान में कहा कि राहुल का यह बयान लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विपरीत होने के साथ ही उनकी संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है। राहुल गांधी के लिए यह कहना कोई नई बात नहीं है जब उनकी अपनी सरकार थी जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे तब भी उन्होंने कैबिनेट मेे पास हुए बिल को फाड़ा था। दरअसल गांधी परिवार खुद को राजा समझता आया है और देश की जनता को प्रजा। ये अपने आप को नियम कानून और संविधान से ऊपर समझते हैं। इसीलिए वह आये दिन यह कह देते हैं कि हम बिल को फाड़ देंगे या इस कानून को खत्म कर देंगे। इनके लिए संविधान और संसद कोई मायने नहीं रखती। गांधी परिवार सत्ता का भूखा है इनके लिए सत्ता ही सब कुछ है। सत्ता नहीं है तो इनके लिए सब कुछ बेकार है। राहुल गांधी की छोटी और संकीर्ण सोच ने ही आज कांग्रेस को रसातल पर पहुंचा दिया है। देश में कांग्रेस खत्म होने की कगार पर पहुंच चुकी है। सत्ता को दूर होता देख अब राहुल गांधी ओछी राजनीति पर उतर आये हैं। जनता उन्हें पहले अमेठी में सबक सिखा चुकी है। इसके बावजूद उनमें राजनीतिक परिपक्वता नहीं आयी है। इसका खामियाजा कांग्रेस को आगे भी भुगतना पड़ेगा।
जिला मीडिया प्रभारी ने कहा कि कांग्रेस कृषि बिलों को लेकर किसानों में भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है, जबकि केन्द्र की मोदी सरकार सोच समझकर किसानों के हित में इन बिलों को लेकर आयी है। इन बिलों से किसानों की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार होने उम्मीद है। मिगलानी न कहा कि कृषि बिलों के पास होने से अब किसानों के लिए सुनहरा मौका यह होगा कि फसल खरीदने वाले ज्यादा हो जायेंगे जबकि बेचने वाले कम होंगे। इससे किसानों के लिए ये विधेयक फायदा पहुंचाने वाले साबित होंगे। मिगलानी ने आगे कहा कि कांग्रेस अनर्गल बयानबाजी कर किसानों को भड़का रही है। सच्चाई यह है कि मोदी सरकार किसानों की आय को दोगुना करना चाहती है। आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत करीब एक लाख करोड़ रुपये का ऋण किसानों को देने की योजना है। जिससे किसानों की आर्थिक मजबूती का मार्ग प्रशस्त होगा। कृषि विधेयक पूरी तरह से किसानों के हित में है। कांट्रेक्ट फार्मिंग में किसानों को फसल की बुआई के पहले ही कीमत तय कर ली जायेगी। इसमें सिर्फ फसल की बात होगी न कि भूमि की। किसान अपनी फसल की कीमत स्वयं लगायेगा। ऐसे में कहीं से भी किसानों का नुकसान नहीं होगा। कृषि कानून में किसानों के लिए फसल बेचने में जो बैरिय लगे थे वह अब खत्म हो गये हैं। एमएसपी निर्धारित की गयी है धान की खरीद उसी आधर पर हो रही है। जहां तक मंडी का सवाल है मंडी अब भी है ओर आगे भी रहेगी। किसान जहां चाहें वहां अपनी फसल बेच सकते हैं।
मिगलानी ने कहा कि कांग्रेस कृषि विधेयकों को लेकर राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए मोदी सरकार को बदनाम कर रही है। वर्ष 2009 से 2014 तक जो योजनाएं कांग्रेस ने किसानों के हित में बनायी थी वही भाजपा ने लागू की हैं।