मोदी सरकार में लोक शिकायतों के जल्द आ रहे फैसले, ज्यादातर फैसले शिकायतकर्ता के पक्ष में
देश धीरे-धीरे तरक्की के रास्ते पर चल रहा है। चीजें अब काफी हद तक बदल गई है। मोदी सरकार (Modi government) के कार्यकाल में सरकारी विभागों के काम-काज के तौर तरीकों में ही नहीं बल्कि जन सुनवाई में भी सुधार हुआ है। सरकारी महकमों के खिलाफ आने वाली शिकायतों (complaints) पर भी फैसले तेजी से लिए जा रहे हैं और ज्यादातर फैसले शिकायकर्ता के पक्ष में हो रहे हैं।
कोरोना संक्रमण (Corona infection) काल में शुरू हुए वित्त वर्ष (financial year) की पहली तिमाही के दौरान लोक शिकायत विभाग के पास 21 क्षेत्रों से जुड़ी 4114 शिकायतें दर्ज कराई गईं। 1 अप्रैल से 30 जून के दौरान लगभग 1150 यानी 28 % से अधिक का समाधान तिमाही पूरी होने से पहले ही कर दिया गया। जबकि 3465 को दूसरे संबंधित मंत्रालयों और विभागों को आगे की जांच या कार्रवाई के लिए भेजा गया है।
निदेशालय के आंकड़ों के अनुसार सरकारी महकमों के खिलाफ शिकायतों में से 83 फीसदी मामलों में शिकायतकर्ता का पल्ला ही भारी रहा है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले कार्मिक एंव लोक शिकायत मंत्रालय (DoPT) के पास आने वाली शिकायतों में से 75 प्रतिशत का समाधान शिकायतकर्ता के पक्ष में ही हुआ है।
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