मुरादाबाद: किसानों पर लाठीचार्ज और पानी की बौछार से भड़के सपाई, नारेबाजी

न्यूज टुडे नेटवर्क। किसानों पर हुए लाठीचार्ज और पानी की बौछारों को लेकर एवं कृषि एवं श्रमिकों के हितों पर आघात पहुंचाने वाले कृषि एवं श्रम नये काले कानून के विरोध में समाजवादी पार्टी महानगर ने बैठक का आयोजन किया। बैठक को सम्बोधित करते हुये महानगर अध्यक्ष हाजी मन्नू कुरैशी ने कहा ने कहा कि
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मुरादाबाद: किसानों पर लाठीचार्ज और पानी की बौछार से भड़के सपाई, नारेबाजी

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। किसानों पर हुए लाठीचार्ज और पानी की बौछारों को लेकर एवं  कृषि एवं श्रमिकों के हितों पर आघात पहुंचाने वाले कृषि एवं श्रम नये काले कानून के विरोध में समाजवादी पार्टी महानगर ने बैठक का आयोजन किया। बैठक को सम्बोधित करते हुये महानगर अध्यक्ष हाजी मन्नू कुरैशी ने कहा ने कहा कि किसानों के हितों की अनदेखी करने वाला जो कृषि विधेयक भारत सरकार लाई है।  उससे किसान अपनी जमीन का मालिक न रहकर मजदूर हो जाएगा। कृषि उत्पादन मण्डी की समाप्ति और विधेयक में न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित न होने से किसान अब औने पौने दामों पर अपनी फसल बेचने को मजबूर होगा।

समाजवादी पार्टी ने हमेशा किसानों के लिए संघर्ष किया है।  और उनके हक की लड़ाई लड़ी हैजरूरत पड़ी तो समाजवादी पार्टी सड़कों पर उतर कर इस।  काले क़ानून का विरोध करेगी। महासचिव धर्मेन्द्र यादव  ने कहा कि गेहूं और धान की फसल को आवश्यक वस्तु अधिनियम से हटाये जाने से किसान बड़े आढ़तियों और व्यापारिक घरानों की शर्तों पर अपनी फसल बेचने को मजबूर होंगे। और वह अपने को ठगा महसूस करेंगे फ़सल के जायज रकम नहीं मिलेगी।

कहा कि संसद से पारित श्रमिक कानून से श्रमिकों के हित बुरी तरह प्रभावित होंगे। अभी तक 100 कर्मचारियों वाले उद्योगों को बिना सरकारी अनुमति छंटनी का अधिकार नहीं था। नया कानून 300 कर्मचारियों वाले उद्योगों को भी जब चाहे छंटनी करने का अधिकार दे रहा है। इससे श्रमिकों में असुरक्षा की भावना बढ़ेगी और वे अपनी जायज मांग भी नहीं उठा सकेंगे। वे उद्योगपति के बंधुआ मजदूर बनकर रह जाएंगे

युवजन सभा के पूर्व जिला अध्यक्ष कुशल यादव ने कहा कि भाजपा सरकार के प्रति इन जनविरोधी कानूनों को लेकर भारी आक्रोश व्याप्त है। भाजपा सरकार श्रमिकों को रोजगार तो दे नहीं पा रही है।  उल्टे उनको पूंजी घरानों की दया पर आश्रित बनाने की साजिश कर रही है। लोकतंत्र सेनानी बाबर खान ने अन्नदाता किसानों पर हो रहे लाठीचार्ज और पानी की बौछार का विरोध प्रकट करते हुए कहा कि किसान हमारा अन्नदाता है।  उस पर इस तरह का की कार्यवाही नहीं होनी चाहिए। यह किसानों और जनता के आंदोलन को कुचलने की साजिश है।