बोर्ड परीक्षा देने जा रहे हैं तो जान लें, डर के आगे जीत है

बोर्ड परीक्षाओं में खुद पर हावी न होने दें काल्पनिक डर: बोर्ड परीक्षाएं अगले कुछ दिनों में शुरू होने वाली हैं। अगर आप बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं या आपका बच्चा बोर्ड परीक्षा देने जा रहा है तो इस खबर को जरूर पढ़ लें। बोर्ड परीक्षाओं के तनाव के चलते हम खुद पर
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बोर्ड परीक्षा देने जा रहे हैं तो जान लें, डर के आगे जीत है

बोर्ड परीक्षाओं में खुद पर हावी न होने दें काल्‍पनिक डर: बोर्ड परीक्षाएं अगले कुछ दिनों में शुरू होने वाली हैं। अगर आप बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं या आपका बच्‍चा बोर्ड परीक्षा देने जा रहा है  तो इस खबर को जरूर पढ़ लें। बोर्ड परीक्षाओं के तनाव के चलते हम खुद पर एक काल्‍पनिक भय को हावी कर लेते हैं। ऐसे में अंदर से डर जाते हैं और परीक्षा में गलती कर बैठते हैं। परीक्षा से बिल्‍कुल न घबराएं न ही डर को खुद पर हावी होने दें। एक बात जान लें कि डर के आगे जीत है।

बोर्ड परीक्षा देने जा रहे हैं तो जान लें, डर के आगे जीत है

बरेली कालेज के मनोवैज्ञानिक विभाग की असिस्‍टेंट प्रोफेसर और जानी मानी मनोवैज्ञानिक डाक्‍टर हेमा खन्‍ना ने बताया कि बच्‍चे एग्‍जाम के डर से पूरा समय पढने में ही लगे रहते हैं, ऐसे में परिवार के सदस्‍यों को बच्‍चों को कुछ समय आराम करने, खेलने या बाहर टहलने की सलाह देनी चाहिए। इससे उनका दिमाग तरोताजा महसूस करेगा और पढ़ाई में अच्‍छे से मन लगेगा । हर समय पढ़ते रहने से बच्‍चे की मानसिक क्षमता पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

बोर्ड एग्‍जाम के बारे में सोचते रहने की बजाय पढाई पर फोकस करें। अगर कोई चीज याद नहीं है तो घबराएं नहीं, उसे याद करने की कोशिश करें। अगर याद नहीं हो रहा तो बोलकर पढ़े और फिर उसे कॉपी पर लिख डालें। एग्‍जाम में अच्‍छी तैयारी करने के लिए बच्‍चे अपने नोट्स खुद बनाएं और सैंपल पेपर हल करें इससे उन्‍हें एग्‍जाम में मदद मिलेगी।
बोर्ड परीक्षा देने जा रहे हैं तो जान लें, डर के आगे जीत है
डाक्‍टर हेमा खन्‍ना ने बताया कि एग्‍जाम के समय टेंशन ना ले खुद पर आत्‍मविश्‍वास रखे और रट्टने से बचे उस चीज को समझे। टाइमटेबल बनाये और सभी विषयों को बराबर का समय दें। ग्रुप स्‍टडी करें इससे कई बार कुछ अलग चीजें भी पता चलती हैं जो हमें पता नहीं होती। इंटरनेट से किसी भी विषय को और भी अच्‍छे से पढ़ व समझ सकते हैं। पढ़ते समय महत्‍वपूर्ण बिन्‍दुओं और हेडलाइन को पेंसिल से अन्‍डरलाइन कर लेना चाहिए ताकि बाद में महत्‍वपूर्ण बिन्‍दुओं को आसानी से पढ़ सकें ।

सबसे अहम बातें
1-परीक्षा के डर को निकालने के लिए अपनी मेहनत पर भरोसा करें। जब आपकी तैयारी अच्छी है तो डर कैसा।

2-मम्‍मी पापा से खुलकर बात करें। अगर भाई बहन हैं तो उनसे भी खुलकर बात करें।उन्हें अपनी क्षमताओं से अवगत कराएं। साथ ही कड़ी मेहनत कर यह साबित कर दें कि आप भी उनकी ही तरह चिंतित हैं।

3-परीक्षा से पहले कुछ याद करना है तो रटने की जगह हमेशा सीखने पर ध्यान दें। परीक्षा से ठीक पहले खुद को शांत रखने में समय खर्च करें। रटने के चक्कर में तनाव मत लें। रटने से हम मेन वक्‍त पर चीजों को भूल जाते हैं।

4-अगर नंबर कम आते हैं तो याद रखें अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्‍ग्‍ज भी विफल होने के बाद ही आगे बढ़े। असफलता एक चुनौती है। उसे हमेशा स्‍वीकार करें और आगे बढ़ जाएं। जो लोग असफल होने के डर से कुछ नहीं करते वो जीवन में कभी कामयाब नहीं हो पाते।

5-जीवन को व्यवस्थित करके ही जीवन की दशा और दिशा तय होती है। सफलता पाने का कोई शार्टकट नहीं है। उसके लिए पढ़ाई में कड़ी मेहनत करनी होती है। बच्चों को काल्पनिक भय, तनाव और माता-पिता के दबाव से दूर रहना चाहिए।

6-सकारात्मक सोच, आत्मविश्वास, आत्म प्रबंधन, समय प्रबंधन आदि के जरिए ही सफलता पाई जा सकती है। छात्रों को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत होना चाहिए। हमें अपनी क्षमता के सदुपयोग से सफलता मिलती है। परीक्षा का डर, तनाव, आवश्यकता से अधिक को प्राप्त करने की इच्छा, दूसरों से अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा और जलन जैसे नकारात्मक भावों को मन में नहीं रखना चाहिए।

7-परीक्षा को एक उत्सव की तरह स्वीकार करें। रोजाना अच्छे मन से पढ़ाई करें और परीक्षा देने जाएं। ईमानदारी से कोशिश करेंगे तो आपको काययाब होने से कोई नहीं रोक पाएगा।

8-सुबह-शाम कुछ देर ईश्‍वर का ध्‍यान जरूर लगाएं। ईश्‍वर का ध्‍यान हमें नकारात्‍कता से दूर रखता है। आस्‍था हमारे अंदर हौसला पैदा करती है।

9- दोस्‍तों और परिवार के लोगों से दूरी बनाकर पढ़ाई न करें। जब भी हम ऐसा करते हैं तो खुद में उलझकर रह जाते हैं। रोजाना कुछ समय परिवार और दोस्‍तों के साथ भी बिताएं।

माता-पिता भी समझें अपने बच्‍चें को
हेमा खन्‍ना ने बताया कि परीक्षाओं की तैयारी में माता-पिता का रोल सबसे अहम होता है। माता-पिता को यह समझना होगा कि हर बच्‍चा नंबर वन नहीं हो सकता। वह बच्‍चे की तैयारी ईमानदारी से कराएं मगर उस पर नंबर वन रहने का दबाव न बनाएं। बच्‍चे को अपनी पूरी कोशिश करने दें। याद रखें, जिंदगी में मार्कशीट के नंबर ही सबकुछ नहीं होते। अगर आपका बच्‍चा कम नंबर ला रहा है तो उसके साथ दूसरे के बच्‍चों की तुलना न करें। उसे  भविष्‍य में अच्‍छा करने के प्रेरित करें।