बाराबंकी: रिश्तों की उदासीनता ने ले ली महिला की जान, बेटों के घर ना आने के गम में लगा ली फांसी

न्यूज टुडे नेटवर्क। गांव से शहर नौकरी करने गए बेटे जब घर नहीं लौटे तो मां मायूस हो गई। इससे वह काफी तनावग्रस्त रहने लगी। काफी समय बाद भी बेटों ने गांव में रह रहे मां बाप की सुध नहीं ली। दीपावली पर भी जब बेटे बहू घर नहीं आए तो मां का तनाव और
 | 
बाराबंकी: रिश्तों की उदासीनता ने ले ली महिला की जान, बेटों के घर ना आने के गम में लगा ली फांसी

न्यूज टुडे नेटवर्क। गांव से शहर नौकरी करने गए बेटे जब घर नहीं लौटे तो मां मायूस हो गई। इससे वह काफी तनावग्रस्‍त रहने लगी। काफी समय बाद भी बेटों ने गांव में रह रहे मां बाप की सुध नहीं ली। दीपावली पर भी जब बेटे बहू घर नहीं आए तो मां का तनाव और बढ़ गया। आखिरकार बेटों के गम में एक मां ने फांसी लगाकर जान दे दी।

मामला यूपी के बाराबंकी जिले का है। एक 68 वर्षीय वृद्ध महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बेटों के घर ना आने से महिला तनाव में थी वृद्धा ने अपने कमरे में साड़ी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना सदरगंज थाना क्षेत्र के प्रतापगंज गांव में हुई। पति ने सुबह शव देखा तो चीख पड़े। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। ग्रामीणो ने पुलिस को सूचना दी। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से उतरवा कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

मामला सफदरगंज थाना क्षेत्र के प्रतापगंज गांव का है जहां रविवार की सुबह 68 वर्षीय शांति देवी पत्नी राम लखन यादव का शव उनके कमरे में साड़ी से छत में लगे राड के सहारे लटका मिला। राम लखन कमरे में पहुंचे तो पत्नी का शव फंदे पर लटका हुआ देखकर चीख पड़े। रोने उनकी चीख सुन कर ग्रामीणों की भीड़ मौके पर जुट गई। ग्रामीणों ने राम लखन को संभाला। और हादसे की सूचना पुलिस को दी। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को फंदे पर से उतरवाकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

मृतका के पति राम लखन यादव ने बताया की वह पीडब्ल्यूडी विभाग में कार्यरत थे। उनके तीन बेटे और दो बेटियां हैं। सभी की शादी हो चुकी है। बेटे चंडीगढ़,गाजियाबाद और उत्तराखंड में निजी कंपनी और सरकारी विभागों में कार्यरत हैं। मृतका शांति देवी जोड़ों के दर्द से परेशान थी। बेटे व बहू भी काफी समय से घर नहीं आए थे। दीपावली में भी वह घर नहीं आए। जिसके कारण शांती देवी  तनाव में थी।