बाघों के खांसने पर उन्‍हें भी किया जाएगा क्वारंटाइन, बनाए गए 10 क्वारंटाइन सेंटर

दुनिया भर में 15 लाख से ज्यादा मनुष्य कोरोना वायरस (Corona virus) के संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इंसानों के अलावा इसका संक्रमण अब जानवरों में भी फैलने लगा है। हाल ही में अमेरिका में कोरोना संक्रमित बाघिन (Corona infected tigress) के मिलने के बाद से कार्बेट नेशनल पार्क (Corbett National Park) में
 | 
बाघों के खांसने पर उन्‍हें भी किया जाएगा क्वारंटाइन, बनाए गए 10 क्वारंटाइन सेंटर

दुनिया भर में 15 लाख से ज्यादा मनुष्य कोरोना वायरस (Corona virus) के संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इंसानों के अलावा इसका संक्रमण अब जानवरों में भी फैलने लगा है। हाल ही में अमेरिका में कोरोना संक्रमित बाघिन (Corona infected tigress) के मिलने के बाद से कार्बेट नेशनल पार्क (Corbett National Park) में सतर्कता बढ़ा दी गई है।
बाघों के खांसने पर उन्‍हें भी किया जाएगा क्वारंटाइन, बनाए गए 10 क्वारंटाइन सेंटर
कार्बेट नेशनल पार्क में बाघों की सेहत पर ध्यान देने के लिए पार्क में मौजूद सभी कमरों को वीडियो मोड (video mode) पर किया गया है। जिससे बाघों के खांसने और उनमें जुखाम जैसे लक्षणों को आसानी से पता किया जा सके। ऐसे में बाघों में यदि बीमारी के लक्षण दिखते हैं तो उन्हें क्वारंटाइन (Quarantine) करने के लिए पार्क में ही 10 क्वारंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं। कार्बेट नेशनल पार्क के क्षेत्र में कई गांव आते हैं। ऐसे में बाघों को संक्रमण से दूर रखना मुश्किल है। वन्य जीव विशेषज्ञ बताते हैं कि बाघों की आबादी में आने से कोरोना संक्रमण (Corona infection) के होने का खतरा रहता है। 

कार्बेट नेशनल पार्क के प्रबंधन ने बाघों और हाथियों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए उनके संपर्क में आने वाले सभी कर्मचारियों की जांच करने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही वन्यजीवों में बीमारी के लक्षण होने की सूचना तुरंत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority) को दी जाए। कार्बेट नेशनल पार्क के वार्डन आरके तिवारी ने बताया कि वन्यजीवों की सुरक्षा ध्यान में रखकर पाक में करीब 10 क्वारंटाइन सेंटर बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। इसमें रेस्क्यू सेंटरों को भी क्वारंटाइन सेंटर में बदला जा रहा है। 

बाघों को भी किया जाएगा क्वारंटाइन
वन्यजीव चिकित्सा अधिकारी कार्बेट नेशनल पार्क डॉ. दुष्यंत ने बताया कि जंगल में बाघों को कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा नहीं है। लेकिन आबादी में आने से बाग यदि संक्रमित व्यक्ति या वस्तु के संपर्क में आता है तो बाघ के संक्रमित होने का खतरा रहता है। बाघों के खांसने पर उन्‍हें रेस्क्यू कर क्वारंटाइन किया जाएगा।