बरेली: कारनामा- प्रधान ने अपने रिश्तेदार को करा दिया तालाब पर कब्जा

न्यूज टुडे नेटवर्क। सरकारी जमीन की हिफाजत का जिम्मा जिनके सिर पर है वही अपने रिस्तेदारों व समर्थकों को उन पर अबैध कब्जा करवा रहे है। अपने समर्थकों के साथ ही ग्राम की प्रधान ने अपने चचिया ससुर को भी सरकारी तालाब पर कब्जा करा डाला। तालाब पर अबैध कब्जे की शिकायत गांव के लोगों
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बरेली: कारनामा- प्रधान ने अपने रिश्तेदार को करा दिया तालाब पर कब्जा

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। सरकारी जमीन की हिफाजत का जिम्मा जिनके सिर पर है वही अपने रिस्तेदारों व समर्थकों को उन पर अबैध कब्जा करवा रहे है। अपने समर्थकों के साथ ही ग्राम की प्रधान ने अपने चचिया ससुर को भी सरकारी तालाब पर कब्जा करा डाला। तालाब पर अबैध कब्जे की शिकायत गांव के लोगों ने तहसील प्रशासन से करते हुए तालाब को कब्जा मुक्त कराने की मांग की है।

मामला यूपी के बरेली की नवाबगंज तहसील के भदपुरा के ग्राम डडिया सफदर अली का है। ग्राम में गाटा संख्या 156 रक्वा 0.285 हेक्टेयर है जो कि सरकारी तालाब है। इस तालाब में गांव के लोग अपने पशुओं को पानी पिलाने, नहलाने के काम में प्रयोग करते थे लेकिन पिछले 3-4 साल से इस तालाब पर लोगों ने कब्जा करना शुरू कर दिया था और उस पर पक्के निर्माण भी कर लिए। गांव के जय देव   रामपाल   मिश्री लाल   चोखे लाल  गेंदन लाल  वीरेन्द्र   सर्वेश   अजय कुमार   अरविंद कुमार   संतोष कुमार वीरपाल   सुशील कुमार   जागन लाल आदि ने तो तालाब पर अबैध कब्जा किया ही प्रधान ने अपने चचिया ससुर भगवान दास और हरदयाल को भी तालाब पर कब्जा करा डाला।

लगभग पौने पांच बीघे का तालाब आज आधे से भी कम रकबे का रह गया है। तालाब पर बढ़ते कब्जों के चलते गांव के पप्पू लाल सूरज पाल के साथ ही आधा दर्जन से अधिक लोगों ने तहसील प्रशासन को शिकायती पत्र देकर कई बार तालाब को कब्जा मुक्त करने की मांग की लेकिन तहसील प्रशासन ने तालाब से कब्जा हटवाना तो दूर मौके पर जाना भी उचित नही समझा।

सबसे खास बात यह है कि गांव के लेखपाल और प्रधान ने इन अवैध कब्जा धारकों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की है जिससे इनके हौसले बुलंद हैं। गांवों के तालाबों व कुंओं को कब्जा मुक्त कराने के लिए हाईकोर्ट के साथ ही माननीय सुप्रीमकोर्ट ने पाटे गए तालाबों को पुरानी अवस्था में लाने के आदेश राज्य सरकारों को दिए हैं। माननीय न्यायालय के आदेश पर अमल करते हुए प्रदेश सरकार ने कई बार प्रशासन को तालाबों, कुओ को कब्जा मुक्त कराने के कड़े निर्देश भी दिए लेकिन राजस्व कर्मियों के कानों में इन निर्देशों की आवाज भी नहीं पहुंच पा रही है।

प्रशासनिक मशीनरी के उदासीन रवैए के चलते तालाब व कुए कब्जा मुक्त होने की जगह शेष बचे तालाबों पर भी कब्जे होना जारी हैं। इन कब्जे के बारे में प्रधान का कार्य कर रहे उनके पुत्र रिंकू से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमारे कार्यकाल के दो तीन महीने बचे हैं गांव के लोगों से बुराई लेगे तो आगे चुनाव में हमारा नुकसान हो जाएगा। लेखपाल आलोक कुमार से बात करने की कई बार कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन ही रिसीव नहीं किया।