फर्रूखाबाद: वैश्विक एकजुटता, साझा साझेदारी थीम के साथ कल मनाया जाएगा विश्व एड्स दिवस

न्यूज टुडे नेटवर्क। एड्स एक लाइलाज बीमारी है, जिसके फैलने का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध है, इस बीमारी से असल मेँ बचाव सिर्फ सुरक्षा मेँ निहित है। यह कहना है यूपी के फर्रूखाबाद जिले की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वंदना सिंह का । एचआईवी/ एड्स से ग्रसित लोगों की मदद करने के लिए
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फर्रूखाबाद: वैश्विक एकजुटता, साझा साझेदारी थीम के साथ कल मनाया जाएगा विश्व एड्स दिवस

न्‍यूज टुडे नेटवर्क।  एड्स एक लाइलाज बीमारी है, जिसके फैलने का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध  है,  इस बीमारी से असल मेँ बचाव सिर्फ सुरक्षा मेँ निहित है। यह कहना है यूपी के फर्रूखाबाद जिले की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वंदना सिंह का । एचआईवी/ एड्स से ग्रसित लोगों की मदद करने के लिए धन जुटाना, लोगों में एड्स को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना और एड्स से जुड़े मिथ को दूर करते हुए लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से विश्व एड्स दिवस की शुरूआत 1 दिसंबर 1988 को की गयी। तभी से प्रति वर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस बार विश्व एड्स दिवस की थीम वैश्विक एकजुटता, साझा साझेदारी है |

इस दिन लोगों को एड्स के लक्षण, इससे बचाव, उपचार, कारण इत्यादि के बारे में जानकारी दी जाती है और कई अभियान चलाए जाते हैं जिससे इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के प्रयास किए जा सकें। फर्रूखाबाद के जिला क्षय रोग अधिकारी, डॉ सुनील मल्होत्रा ने बताया कि एड्स दिवस के अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्दाबाद, राजेपुर, कमालगंज और सिविल अस्पताल लिंजीगंज में स्टाल लगाकर एड्स फैलने के कारण और इससे कैसे बचा जाये बता कर जागरूक किया जायेगा | इस बार विश्व एड्स दिवस की थीम वैश्विक एकजुटता, साझा साझेदारी है |

डॉ मल्होत्रा ने बताया कि एड्स यानि एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है जो एक रोगी से दूसरे रोगी में फैलकर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता खत्म कर देती है। एचआईवी वायरस मानव शरीर में प्रवेश करने के बाद कई सालों तक निष्क्रिय रहता है। हालांकि, इस दौरान वायरस शरीर के अंदर अपनी संख्या बढ़ाता रहता है और श्वेत रक्त कणिकाओं को नष्ट कर देता है। एचआईवी वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद भी 15-20 सालों तक मरीज स्वस्थ  दिखता है, लेकिन उसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह खत्म हो जाती है।

डॉ राम मनोहर लोहिया पुरुष अस्पताल में तैनात एचआईवी परामर्शदाता नीतू ने बताया कि एड्स का एकमात्र इलाज है बचाव। ‘सावधानी हटी – दुर्घटना घटी’ यह शब्द एड्स की बीमारी के लिए बिलकुल सही  साबित होते हैं। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और अनैतिक संबंधों की बाढ़ में यह बीमारी और भी तेजी से फैल रही है। सिर्फ असुरक्षित यौन संबंधों से ही नहीं यह बीमारी संक्रमित खून या संक्रमित इंजेक्शन की वजह से भी फैलता है।

क्या कहते हैं आँकड़े

परामर्शदाता नीतू के अनुसार जिले में सन 2002 से अब तक 665 एचआईवी के मामले सामने आ चुके हैं, वहीं इस वर्ष जनवरी 2020 से अब तक लगभग 3,500 लोगो की जांच में 35 नये एचआईवी से पीडि‌त मरीज़ मिले हैं जिनका इलाज़ कानपुर ए.आर.टी सेंटर ,मेडिकल कालेज से चल रहा है |