पीलीभीत: किसान आंदोलन को लेकर पोस्ट क्या वायरल की, स्कूल ने शिक्षक को नौकरी से ही निकाल दिया

न्यूज टुडे नेटवर्क। फेसबुक पर पोस्ट वायरल करने से आक्रोशित प्रबंधन ने शिक्षक को स्कूल से निकाल दिया। शिक्षक का आरोप है उन्हें क्षेत्र और विदेश से फोन पर कई तरह की धमकियां मिल रही हैं। धमकी मिलने से वह काफी परेशान हैं। दरअसल मामला यूपी के जिला पीलीभीत की पूरनपुर का तहसील का है। पूरनपुर
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पीलीभीत: किसान आंदोलन को लेकर पोस्ट क्या वायरल की, स्कूल ने शिक्षक को नौकरी से ही निकाल दिया

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। फेसबुक पर पोस्ट वायरल करने से आक्रोशित प्रबंधन ने शिक्षक को स्कूल से निकाल दिया। शिक्षक का आरोप है उन्हें क्षेत्र और विदेश से फोन पर कई तरह की धमकियां मिल रही हैं। धमकी मिलने से वह काफी परेशान हैं। दरअसल मामला यूपी के जिला पीलीभीत की पूरनपुर का तहसील का है। पूरनपुर में नगर से सटी पंकज कॉलोनी के रहने वाले  विजय पाल सिंह खुटार रोड पर स्थित एक स्कूल में  पिछले 18 सालों से शिक्षक के पद  तैनात थे। दिल्ली आंदोलन को लेकर वायरल हुए वीडियो में प्रधानमंत्री के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाले एक व्यक्ति को लेकर शिक्षक ने फेसबुक पर पोस्ट डाल दी। हालांकि उनकी इस कॉपी पेस्ट वाली पोस्ट में किसी धर्म और व्यक्ति विशेष को लेकर टिप्पणी नहीं की गई थी।

इसके बावजूद एक धर्म के लोगों ने उनके फेसबुक पर कड़ी आलोचना की। यही नहीं पोस्ट को लेकर उन्हें कई तरह की धमकियां भी मिलने लगी। इस पर विजय पाल सिंह ने पोस्ट को डिलीट कर दिया और सोशल मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक रूप से सभी से माफी भी मांग ली।

इसके बावजूद उन्हें लगातार क्षेत्र से ही नहीं विदेशों से भी फोन पर कई तरह की धमकियां मिलती रही जिससे वह घबरा गए। उनका आरोप है कि जिस स्कूल में वह पढ़ाते थे। उन्हें वहां बुलाकर जबरन इस्तीफा भी लिखवा लिया गया। लगभग डेढ़ दशक से अधिक समय तक स्कूल में कार्यरत रहने के बावजूद फेसबुक पर पोस्ट वायरल करने को लेकर प्रबंधन ने उन्हें स्कूल से निकाल दिया। उन्होंने स्कूल में भी अपनी गलती मानते हुए प्रबंधन से भी माफी मांगी लेकिन उनका आरोप है इस मामले को साजिशन तूल पकड़ा दिया गया।

शिक्षक को स्कूल से निकाले जाने के बाद अभिभावकों में भी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी देखी जा रही है। कई अभिभावकों ने शिक्षक के निकाले जाने के बाद उसमें पढ़ रहे अपने बच्चों को भी वहां से हटा लेने की चेतावनी दी है। सोशल मीडिया पर इसको लेकर काफी आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गए हैं। स्कूल प्रबंधन के इस अड़ियल रवैए की अभिभावक निंदा कर रहे हैं।