पहल : प्रवासी नागरिकों के लिए मुख्यमंत्री योगी ने लांच किया विशेष ऐप
लखनऊ। अन्य प्रदेशों से आन वाले उत्तर प्रदेश के नागरिकों के लिए सरकार (Government) ने महत्वपूर्ण पहल की है। प्रवासी नागरिकों को सरकारी योजना का लाभ, उनके स्वास्थ्य की निगरानी एवं उनके कौशल के लायक भविष्य में नौकरी एवं आजीविका में मदद करना के लिए डेटा जुटाया जाएगा। इस डेटा को प्रवासी राहत ऐप (Migrant Relief APP) के जरिए संग्रहित किया जाएगा। शुक्रवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस ऐप का लोकार्पण किया।
यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम के सहयोग से राजस्व विभाग (Revenue Department) ने प्रवासी ऐप तैयार किया है। डेटा संग्रह की जिम्मेदारी शहरी क्षेत्र में नगर विकास विभाग/नगर निकाय और ग्रामीण क्षेत्र में सीडीओ पंचायती राज विभाग (Panchayati Raj Department) की होगी। इसका नेतृत्व जिलाधिकारी करेंगे।
ऐसे होगा ऐप का उपयोग
प्रवासी ऐप के माध्यम से जुटाए गए डेटा को राज्य स्तर पर स्थापित इंटीग्रेटेड इनफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (www.rahatup.in) पर स्टोर किया जायेगा। वहां इसका विश्लेषण कर प्रवासी नागरिकों को सरकारी योजना का लाभ, उनके स्वास्थ्य की निगरानी एवं विशेष कर उनके कौशल (Skill) के लायक भविष्य में नौकरी एवं आजीविका प्रदान करने में सहयोग किया जायेगा।
विभागों के लिए भी हो जाएगी आसानी
सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा आपस में सूचना का आदान प्रदान कर प्रवासी नागरिकों के रोजगार (Employment ) एवं आजीविका के लिए नियोजन एवं कार्यक्रम बनाने में मदद मिलेगी। इस ऐप के द्वारा, आश्रय केंद्र में रुके हुए व्यक्तियों एवं किसी भी कारणवश अन्य प्रदेशों से सीधे अपने घरों को पहुंचने वाले प्रवासी व्यक्तियों का पूरा विवरण लिया जायेगा ताकि उत्तर प्रदेश में आने वाले कोई भी प्रवासी छूट न पाए।
ऐप में होगा ये डाटा
ऐप में व्यक्ति की मूलभूत जानकारी जैसे कि नाम, शैक्षिक योग्यता, अस्थायी और स्थायी पता, बैंक अकाउंट विवरण, कोविड 19 सम्बंधित स्क्रीनिंग की स्थिति, शैक्षिक योग्यता (Educational Qualification) और अनुभव लिया जाएगा। इसमे 65 से भी ज्यादा प्रकार के कौशल का विवरण एकत्र किया जायेगा। प्रवासी नागरिकों को दी जाने वाली राशन किट के वितरण की स्थिति भी ऐप में दर्ज की जायेगी।
ऑफलाइन भी करेगा काम
ऐप में डाटा डुप्लीकेशन न हो, इसके लिये यूनीक मोबाइल नम्बर को आधार बनाया जायेगा। इस ऐप की एक अन्य विशेषता यह भी है कि इसमें ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन (Offline) भी काम कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त प्रभावी निर्णय लेने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों के डेटा को भी ऐप में अलग-अलग किया जा सकता है।
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