पश्चिम बंगाल चुनावों से पहले ममता बनर्जी ने स्वास्‍थ्‍य साथी योजना को लेकर क्या कहा, जानिए इस खबर में…

न्यूज टुडे नेटवर्क। बंगाल में ऐन चुनावों से पहले सीएम ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि राज्य के सभी लोगों को स्वास्थ्य मिलेगा। योजनाओं का लाभ मिलेगा। गुरूवार को सीएम ममता ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य योजना स्वास्थ्य साथी का लाभ से एक दिसंबर से प्रदेश भर के प्रत्येक परिवार के
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पश्चिम बंगाल चुनावों से पहले ममता बनर्जी ने स्वास्‍थ्‍य साथी योजना को लेकर क्या कहा, जानिए इस खबर में…

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। बंगाल में ऐन चुनावों से पहले सीएम ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि राज्‍य के सभी लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य मिलेगा। योजनाओं का लाभ मिलेगा। गुरूवार को सीएम ममता ने कहा कि राज्‍य सरकार द्वारा संचालित स्‍वास्‍थ्‍य योजना स्‍वास्‍थ्‍य साथी का लाभ से एक दिसंबर से प्रदेश भर के प्रत्‍येक परिवार के व्‍यक्तियों को प्राप्‍त होगा। बनर्जी ने बंगाल की इस योजना की तुलना आयुष्‍मान भारत के साथ की। उन्‍होंने कहा कि केन्‍द्रीय योजनाओं में मात्र चालीस प्रतिशत तक खर्च सरकार उठाती है लेकिन स्‍वास्‍थ्‍य साथी येाजनान्‍तर्गत इलाज में आने वाला पूरा खर्च पश्चिम बंगाल सरकार उठाएगी।

कहा कि इससे पहले भी सरकार ने ‘स्वास्थ्य साथी’ के तहत कम से कम 7.5 करोड़ लोगों को लाभ देने का फैसला लिया था। घोषणा की कि इस योजना के तहत पश्चिम बंगाल के प्रत्येक परिवार, प्रत्येक व्यक्ति, बुजुर्ग, बच्चे या महिला सभी को इस योजना के तहत लाभ मिलेगा, फिर चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों। बताया कि‍ योजना के तहत प्रत्‍येक परिवार को स्‍मार्ट कार्ड मुहैया कराए जाएंगे। इस योजना में राज्‍य के सभी सरकारी और निजी अस्‍पताल शामिल रहेंगे।

बनर्जी द्वारा यह योजना  दिसंबर 2016 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत लोगों को प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये का बीमा कवर प्राप्त होगा। कहा, कि ‘परिवार की महिला मुखिया को एक दिसंबर 2020 से यह कार्ड जारी किए जाएंगे। ‘दुआरे दुआरे पश्चिमबोंगो सरकार’ (प्रत्येक द्वार पश्चिम बंगाल सरकार) योजना के तहत सरकारी प्रतिनिधि प्रत्येक घर में जाएंगे जहां परिवार योजना के लिए पंजीकरण करा सकेंगे।’’ अन्य किसी स्वास्थ्य योजना का लाभ नहीं उठा रहा व्यक्ति इस कार्ड की मदद से अस्पताल में कैश-लेस इलाज करा सकता है। उन्होंने बताया कि इस स्वास्थ्य योजना पर आने वाले 2,000 करोड़ रुपये वार्षिक खर्च का भार राज्य सरकार उठाएगी।